Cultural Forests: एमपी के चार शहरों में बनाए जाएंगे सांस्कृतिक वन, पर्यटकों को मिलेंगी यह सुविधाएं
MP News: मध्यप्रदेश के चार नगरों में गुजरात की तर्ज पर सांस्कृतिक वन बनाए जाएंगे। जिसके लिए उज्जैन, भोपाल, सतना और छतरपुर जिले का चयन किया गया है।
मध्यप्रदेश के चार नगरों में गुजरात की तर्ज पर सांस्कृतिक वन बनाए जाएंगे। जिसके लिए उज्जैन, भोपाल, सतना और छतरपुर जिले का चयन किया गया है। इन सांस्कृतिक वनों में मुख्य रूप से आध्यात्मिक उपवन, स्प्रीचुअल गार्डन के साथ ही कम्युनिटी जोन बनाए जाएंगे। यहां पर्यटकों के लिए पार्किंग जोन एवं फूड कोर्ट भी बनाए जाएंगे। इसके साथ ही नवग्रह वन, नक्षत्र वन, राशि वन एवं पंचवटी वन भी निर्मित किए जाएंगे।
वन विभाग ने अध्ययन कर सौंपी थी रिपोर्ट
गुजरात में बनाए गए सांस्कृतिक वनों की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी इसी तरह के वन बनाने की बात गत वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कही थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसमें रुचि दिखाते हुए मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को निर्देश दिए थे। बैस के निर्देश पर वन विभाग ने गुजरात के सांस्कृतिक वनों का अध्ययन किया था। जिसके बाद शासन को रिपोर्ट सौंपी गई थी। जिसके आधार पर अब ऐसे ही वन एमपी में भी बनाए जा जाएंगे। गुजरात में हर वर्ष एक जिले का चयन इस तरह के स्थल बनाने के लिए होता है। वहां काफी संख्या में सांस्कृतिक वन बन गए हैं। एमपी में भी अब सांस्कृतिक वन बनाए जाएंगे। पहले चरण में एमपी के चार जिलों का चयन इसके लिए किया गया है।
प्रति वन खर्च होंगे सात करोड़ रुपए
एमपी में जिन चार जिलों का चयन सांस्कृतिक वन बनाए जाने के लिए किया गया है उसमें प्रत्येक वन के लिए सात-सात करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में खजुराहो मंदिर से चार किलोमीटर दूर लवकुश नगर क्षेत्र की 17 एकड़ भूमि पर विरासत वन स्थल बनेगा। जिसका डीपीआर तैयार कर कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। जबकि एमपी के तीन जिलों सतना के चित्रकूट में श्रीराम वन स्थल, उज्जैन में महाकाल वन स्थल एवं भोपाल के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी उद्यान में बनाए जाने वाले सांस्कृतिक वन पांच-पांच हेक्टेयर क्षेत्र में निर्मित किए जाएंगे। यहां मुख्य रूप से आध्यात्मिक उपवन, स्प्रीचुअल गार्डन के साथ ही कम्युनिटी जोन बनाए जाएंगे। सांस्कृतिक वनों में नवग्रह वन, नक्षत्र वन, राशि वन, पंचवटी वन के साथ ही पार्किंग जोन एवं फूट कोर्ट भी निर्मित होंगे।