एमपी में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे लाखो युवाओं के लिए बड़ी खबर! अब नहीं होगा परीक्षा शुल्क का बोझ
मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों एवं भर्तियों की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है।
मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों एवं भर्तियों की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। आज कल अभ्यर्थियों को किसी भी सरकारी नौकरी या भर्ती के लिए फॉर्म एवं परीक्षा शुल्क देनी पड़ती है। जो की आम छात्रों के लिए बड़ी परेशानी है।
इसी बीच उनके लिए शिवराज सरकार ने एक नई तरकीब निजात की है। बता दें की शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बेरोजगार युवकों पर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए वन टाइम परीक्षा शुल्क लेने का फैसला उन्हें आर्थिक बोझ से बचाना है।
कर्मचारी चयन बोर्ड से इस वर्ष अलग-अलग शासकीय विभागों में विभिन्न पदों की भर्ती के लिए प्रक्रिया अपनाई जा रही है। आवेदकों को वन टाइम परीक्षा शुल्क और रजिस्ट्रेशन की सुविधा मिलने से परेशानी से भी निजात मिलेगी।
इसका लाभ देने के लिए आवश्यक तैयारी कर ली गई है। सामान्य प्रशासन और अन्य विभाग, बेरोजगारों के हित में इस निर्णय के क्रियान्वयन का उन्हें लाभ देने के साथ ही अन्य प्रावधानों का भी लाभ प्रदान करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान गत 23 मार्च को हुई युवा महापंचायत की घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे थे।
समत्व भवन में हुई इस बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग के साथ तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार, उच्च शिक्षा, वित्त, चिकित्सा शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, पर्यावरण और खेल एवं युवा कल्याण विभाग के मंत्री गण सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कौशल कमाई योजना में लर्न एंड अर्न के मॉडल पर एक लाख युवाओं को इस वर्ष अप्रेंटिसशिप में प्रतिमाह 8 हजार रूपए की राशि एवं सर्टिफिकेशन का लाभ दिया जाना है। इसके लिए तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के साथ उद्योगों की ओर से भी ऐसे प्रयास हों, जिससे योजना के फायदे से युवा अवगत हों।
भोपाल के अलावा ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा में नए ग्लोबल स्किल पार्क बनाने से जुड़े कार्यों को भी समय पर पूरा करने का लक्ष्य रख कर कार्य किया जाए। युवाओं को जापान और जर्मनी जैसे देशों में सेवाएँ देने के योग्य बनाने के लिए भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी गति दी जाए। वर्तमान में इग्नू के 37 अध्ययन केन्द्र महाविद्यालयों में संचालित हैं, जो जर्मन एवं जापानी भाषा सिखाने का कार्य कर रहे हैं।