एमपी में रिश्वत लेते कैमरे में कैद हुआ था बाबू, जांच के बाद किया गया निलंबित
MP News: मध्यप्रदेश के कटनी में 6 महीने पूर्व रिश्वत लेते हुए बाबू कैमरे में कैद हुआ था। पुराने वीडियो के आधार पर मामले की जांच की गई। जिसके बाद बाबू को निलंबित कर दिया गया है।
मध्यप्रदेश के कटनी में 6 महीने पूर्व रिश्वत लेते हुए बाबू कैमरे में कैद हुआ था। पुराने वीडियो के आधार पर मामले की जांच की गई। जिसके बाद बाबू को निलंबित कर दिया गया है। बाबू ने एरियर्स दिलाने की एवज में रिश्वत की मांग की थी। उसने कुल 30 हजार रुपए की घूस ली थी, 10 हजार रुपए लेते उन्हें कैमरे में कैद कर लिया गया था।
वीडियो हुआ वायरल
कटनी जिले में एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक शख्स 500 के नोट गिनते हुए नजर आ रहे हैं। जिसे समयमान वेतनमान एरियर्स की राशि दिलाने के नाम पर ली गई रिश्वत के बताए जा रहे हैं। यह राशि स्लिमनाबाद संकुल केन्द्र के सहायक ग्रेड-2 के बाबू अतुल द्विवेदी द्वारा ली गई थी। उन्होंने अपने ही विभाग के सहायक शिक्षक की मौत के बाद उनके परिजनों से रुपए लिए।
30 हजार रुपए की गई थी मांग
वायरल वीडियो 6 महीने पूर्व का बताया गया है। जो स्लिमनाबाद संकुल केन्द्र का है। इसके अंतर्गत आने वाले शासकीय प्राथमिक शाला भेंड़ा में पदस्थ जागेश्वर प्रसाद तिवारी की मौत 1 जनवरी 2018 में हो गई थी। जिसके बाद मृतक के परिजन एरियर्स की राशि जो करीब दो लाख रुपए थे उसको पाने के लिए चक्कर लगा रहे थे। परिजन स्लिमनाबाद संकुल केन्द्र में इसके लिए आवेदन भी किया था। वहां पदस्थ सहायक ग्रेड-2 के बाबू अतुल द्विवेदी द्वारा मृतक की पत्नी सावित्री तिवारी से 30 हजार रुपए की मांग की गई थी।
घूस लेने के बाद भी नहीं दिलाई राशि
मृतक जागेश्वर प्रसाद तिवारी के परिजन राशि को तीन किश्तों में देने को तैयार हो गए। 10-10 हजार रुपए की तीन किश्तें दी गईं। इसी बीच पैसे लेकर पहुंचे भतीजे ने यह पूरा वीडियो बना लिया था। खास बात यह है कि रिश्वत के 30 हजार लेने के बावजूद बाबू अतुल द्विवेदी ने महिला को एरियर्स की राशि नहीं दिलवाई। इस बात से नाराज होकर भतीजे ने रिकार्ड किए गए वीडियो को वायरल कर दिया। वीडियो सामने आने के बाद इसकी जांच की गई। जिसके बाद निलंबन की कार्रवाई की गई।
इनका कहना है
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वीपाल सिंह का कहना है कि वायरल वीडियो पुराना है। मामला संज्ञान में आते ही इसके जांच की जिम्मेदारी लोक शिक्षा संचालनालय ने सौंपी थी। जिसके आधार पर बाबू अतुल द्विवेदी पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।