सावधान! बिजली बिल नहीं भरा तो कंपनी उठा ले जाएगी सामान, एमपी का मामला आया सामने
MP News: यदि आप भी लम्बे समय से बिजली बिल की अदायगी नहीं कर रहे हैं तो आप सावधान हो जाएगा। क्योंकि बिजली कंपनी कभी भी आपके घर का सामान उठा सकती है।
यदि आप भी लम्बे समय से बिजली बिल की अदायगी नहीं कर रहे हैं तो आप सावधान हो जाएगा। क्योंकि बिजली कंपनी कभी भी आपके घर का सामान उठा सकती है। कुछ ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के उज्जैन का सामने आया है। जहां मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत बिल के बकायादारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। बकायादारों के बाइक, कूलर आदि सामान जब्त कर लिए गए।
132 मोटर साइकिल विभाग ने की जब्त
उज्जैन ग्रामीण वितरण केन्द्र अंतर्गत अनेक गांवों में किसानों द्वारा बिजली बिल की बकाया राशि जमा नहीं की गई थी। कंपनी की मानें तो राशि नहीं जमा करने के कारण आर्थिक नुकसान हो रहा है। ऐसे में बिजली कंपनी को राशि वसूलने सख्ती दिखानी पड़ी। कंपनी ने ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बिल के बकाया राशि की वसूली प्रारंभ की। राशि नहीं जमा कराने पर बकायादारों की बाइक, कूलर आदि सामान्य को जब्त कर लिया गया। मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा इस दौरान 132 मोटर साइकिल जब्त की गईं। जिनमें से कुछ बकायादारों ने राशि जमा कराते हुए अपनी बाइक प्राप्त की।
किसानों में मचा हड़कम्प
विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बकाया बिल राशि वसूलने की कार्रवाई से ग्रामीणों में हड़कम्प मच गया। कंपनी द्वारा बाइक, कूलर सहित अन्य सामान को जब्त करते हुए वाहनों में लोड करा दिया गया। जब्ती से अपना सामान बचाने के लिए कुछ लोगों द्वारा आनन फानन में राशि का इंतजाम कर बकाया बिल जमा कराया तब उन्हें सामान वापस कर दिया गया। बिल नहीं जमा करने वालों का सामान कंपनी के अधिकारी, कर्मचारी वाहन में लादकर अपने साथ ले गए। इस कार्रवाई से बिजली कंपनी द्वारा ढाई लाख रुपए का बकाया राजस्व वसूला गया।
ग्रामीणों ने लगाए आरोप
विद्युत विभाग द्वारा बिल वसूलने दिखाई गई सख्ती पर ग्रामीणों ने अधिकारियों, कर्मचारियों पर जमकर आरोप लगाए। उनका कहना था कि कंपनी छोटे बकायादारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। इस दौरान उनका सामान जब्त किया जा रहा है किंतु बड़े बकायादारों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। उनका कहना था कि रसूखदार होने के कारण अफसरों द्वारा बड़े बकायादारों पर कार्रवाई नहीं की जाती।