एमपी के इस गांव में नहीं पहुंच पाती एम्बुलेंस, गर्भवती को खटिया पर लादकर ग्रामीणों ने पहुंचाया अस्पताल
MP News: मध्यप्रदेश के इछावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले एक गांव की हालत काफी खराब है। यहां अब तक लोगों को सड़क की सुविधा नसीब नहीं हो पाई है। जिसके कारण बारिश के मौसम में ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मध्यप्रदेश के इछावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले एक गांव की हालत काफी खराब है। यहां अब तक लोगों को सड़क की सुविधा नसीब नहीं हो पाई है। जिसके कारण बारिश के मौसम में ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सड़क नहीं होने से बारिश के कारण मार्ग दलदल में तब्दील हो जाता है। ऐसे में यदि कोई बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल तक पहुंचाने में ग्रामीणों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है जिसमें ग्रामीणों ने गर्भवती को खटिया पर लादकर अस्पताल तक पहुंचाया।
क्या है मामला
सीहोर जिले के अंतर्गत आने वाला सुआखेड़ा गांव सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं को मोहताज है। यहां की आबादी 500 के आसपास है। गांव में सड़क नहीं होने के कारण छात्रों को जहां कीचड़ से सने मार्ग से स्कूल जाना पड़ता है तो वहीं सर्वाधिक फजीहत का सामना मरीजों को करना पड़ता है। मरीज को ग्रामीण खटिया पर लादकर दो किलोमीटर दूर पक्की सड़क तक ले जाते हैं। इसके बाद ही उसे एम्बुलेंस अथवा अन्य वाहन सुविधा नसीब हो पाती है। ग्राम सुआखेड़ी का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जो इछावर के सुआखेड़ी गांव का बताया गया है। एक महिला को यहां डिलीवरी होनी थी। रास्ता खराब होने से एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी। जिससे मजबूरन ग्रामीणों ने महिला को दो किलोमीटर दूर तक खटिया पर लादकर ले जाना पड़ा। इसके बाद गर्भवती को चार पहिया वाहन नसीब हो सका।
बारिश के दिनों में होती है फजीहत
एमपी के सुआखेड़ी में निवासरत ग्रामीणों का कहना है कि अन्य दिनों में तो वह किसी तरह से आवागमन कर लेते हैं किंतु बारिश की दिनों में सर्वाधिक फजीहत का सामना करना पड़ता है। मार्ग कच्चा होने से बारिश के पानी से वह कीचड़ में तब्दील हो जाता है। गांव से पक्की सड़क की दूरी तकरीबन दो किलोमीटर है। ऐसे में पक्की सड़क तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी पसीना बहाना पड़ता है। ग्रामीणों के मुताबिक बीते 15-20 वर्षों से यहां पर सड़क का अभाव है। इस संबंध में उनके द्वारा कई बार जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया गया किंतु उनके द्वारा महज आश्वासन ही दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क नहीं होने के कारण गांव तक एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती। ऐसे में लोग मरीजों को पक्की सड़क तक पहुंचाने के लिए खटिया अथवा अन्य माध्यमों का सहारा लेते हैं। तब जाकर वह अस्पताल तक पहुंच पाते हैं।