एमपी में 45 साल बाद मां-बेटे का दोबारा हुआ मिलन तो खुशी से छलक पड़े आंसू, यह है मामला
MP News: मध्यप्रदेश में 45 साल बाद दोबारा मां-बेटे का मिलन हुआ। मां ने बेटे को गले लगाया तो दोनों की आंखों से खुशी की अश्रुधारा बह निकली। इस दौरान पूरा माहौल भावुक हो उठा।
मध्यप्रदेश में 45 साल बाद दोबारा मां-बेटे का मिलन हुआ। मां ने बेटे को गले लगाया तो दोनों की आंखों से खुशी की अश्रुधारा बह निकली। इस दौरान पूरा माहौल भावुक हो उठा। बताया गया कि मां गुस्से में आकर बचपन में ही घर छोड़कर चली गई थी। जिसकी खोजबीन परिजनों द्वारा लगातार की जाती रही किन्तु उसका पता नहीं चल पा रहा था। आखिरकार युवक की मेहनत रंग लाई और उसको अपनी मां के दीदार हो गए।
महिला को ढूंढ़ने बेच दी थी जमीन जायदाद
मामला अलीराजपुर जिले के फाटा गांव का है। बुजुर्ग महिला के बेटे भारत के मुताबिक जब वह बहुत छोटा था तब उसकी मां अचानक कहीं चली गई थी। उसकी काफी खोजबीन की गई किंतु पता नहीं चल सका। मां को ढूंढ़ने के लिए पिताजी ने अपने पशु, खेत, जमीन तक बेच दी थी। चार वर्ष पूर्व पिताजी की मौत हो गई किंतु मां नहीं मिल सकी। इस दौरान उनके पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने उनसे मां के बारे में जानकारी ली।
ऐसे चला बिछड़ी मां का पता
अलीराजपुर जिले के फाटा गांव निवासी मधु किराडे जल जीवन मिशन योजना में काम करने के लिए रोजगार की तलाश में अपने गांव से बड़वानी जिले के सेंधवा पहुंचा था। जहां से वह कार्य के सिलसिले में सेंधवा के बोरली गांव गया। यहां मधु की दोस्ती गांव के धरम सिंह से हुई। धरम सिंह ने मधु से उसके घर और गांव का पता पूछा तो उसने अलीराजपुर का बताया। जिस पर उसने कहा कि 40 से 45 वर्ष से एक महिला इस गांव में भिक्षा मांग रही है जो स्वयं का अलीराजपुर की रहने वाली बताती है। मधु किराडे ने महिला के संबंध में जानकारी एकत्र की और उसके परिवार की छानबीन में जुट गया। काफी खोजबीन के बाद अलीराजपुर जिले के फाटा गांव निवासी भारत से इन्होंने संपर्क किया। तब भारत से पता चला कि लगभग 40 से 45 वर्ष पूर्व उसकी मां घर से कहीं चली गई थी। जिसका आज तक पता नहीं चल सका है।
वीडियो कॉल से महिला ने पहचान लिया घर
ग्रामीणांे ने जब वीडियो कॉल के जरिए वृद्ध महिला और उसके बेटे भारत का संपर्क कराया तो महिला ने अपने घर और आसपास के पेड़ों को पहचान लिया। जिसके बाद भारत अपनी मां को लेने सेंधवा के समीप बोरली गांव पहुंचा। वृद्धा के बेटे भारत को बोरली लेकर पहुंचे रेम सिंह किराड़े के मुताबिक उनके चचेरे भाई ने उनसे संपर्क किया जो इस गांव में रोजगार की तलाश में पहुंचा था। उसने बताया कि अपने गांव की एक महिला इतने सालों से यहां पर रह रही है। जिसका बाद महिला के घर वालों की खोजबीन की गई।
मां को अचानक देख बेटे के छलक पड़े आंसू
तकरीबन 45 साल पहले गुम हुई मां घर से करीब 150 किलोमीटर दूर बड़वानी जिले के सेंधवा में मिली। जब मां-बेटे आपस में मिले तो भावुक हो गए। इस दौरान आसपास मौजूद लोगों की आंखों से भी अश्रुधारा बह निकली। सेंधवा शहर से लगे बोरली गांव में लगभग 45 वर्षों से भिक्षा मांगकर जीवन यापन करने वाली वृद्ध महिला को लेने उसका 50 वर्षीय बेटा अचानक पहुंच गया। मां को देखे बेटे के आंसू छलक पड़े। भारत की मां कुसम कहती हैं कि मेरा बेटा मुझे लेना आया है वह बहुत खुश हैं। अब वह अपने बेटे के साथ जा रही हैं। उनका कहना था कि कई वर्षों पूर्व उन्हें गुस्सा आ गया था जिसके कारण वह घर छोड़कर चली आई थीं।