एमपी: लापरवाह कर्मचारियों पर कार्यवाही, 1 निलंबित, 9 लोगों का कटेगा वेतन, नोटिस जारी

मध्यप्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने लगातार कार्यवाही का सिलसिला जारी है।

Update: 2022-05-01 02:27 GMT

मध्यप्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने लगातार कार्यवाही का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में उज्जैन और इंदौर में कई अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही की गई है। जिला कलेक्टर ने सिविल सर्जन और आरएमओ का 7 दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया है तो वही एक डॉक्टर को निलंबित कर दिया है।

ड्यूटी से नदारद मिले डॉक्टर

जिला अस्पताल अचानक पहुंचे कलेक्टर को अस्पताल में लापरवाही देखने को मिली। हद तो तब हो गई जब निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को पता चला कि मेडिकल ऑफिसर अस्पताल से नदारद है। स्पेशल ओपीडी में भी डॉक्टर नहीं है। ऐसे में कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से वार्ड इचार्ज एवं ड्यूटी डॉक्टर का 1 माह का वेतन काटने का निर्देश दिया है। साथ ही यह लापरवाही कब से चल रही है इसके लिए विभागीय जांच करने को कहा है।

फस गए सिविल सर्जन

कलेक्टर के निरीक्षण में सिविल सर्जन और आरएमओ भी फस गए। निरीक्षण के दौरान पता चला कि दवा वितरण में गड़बड़ी की जा रही है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने सिविल सर्जन और आरएमओ का 7 दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया है। अस्पताल के एक डॉक्टर को कार्य में लापरवाही भारत नेपाल निलंबित किया है। दवा वितरण में गड़बड़ी मामले पर स्टोर प्रभारी विजय शर्मा, स्टोर कीपर रजत गांधी, ऑर्डर इंचार्ज राघवेंद्र सिंह के खिलाफ 7 दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया गया है।

इंदौर में हुई कार्यवाही

इंदौर में नगर निगम कमिश्नर ने निरीक्षण के दौरान देखा कि कर्मचारियों द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया था। जिस पर सेवा समाप्ति का आदेश दिया है। साथ ही वेतन राजसात करने की कार्रवाई की जाएगी। वही ननि कमिश्नर प्रतिभा पाल ने वार्ड 64 में कार्यरत विद्युत निरीक्षक मोहम्मद खान को कार्य में लापरवाही बरतने पर 15 दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया है।

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