मध्यप्रदेश के 6 लाख अधिकारी-कर्मचारियों ने छोड़ा काम, जानिए क्या है कारण ?

MP NEWS : अपनी विभिन्न मांगो को लेकर प्रदेश के 43 संगठनों के लगभग साढ़े 6 लाख अधिकारी-कर्मचारी लामबंद होकर गुरूवार को सामूहिक अवकाश पर रहे। 

Update: 2021-07-29 18:30 GMT

MP NEWS : अपनी विभिन्न मांगो को लेकर प्रदेश के 43 संगठनों के लगभग साढ़े 6 लाख अधिकारी-कर्मचारी लामबंद होकर गुरूवार को सामूहिक अवकाश पर रहे। अधिकारियों-कर्मचारियों के अवकाश पर होने से मकान-प्लाट की रजिस्ट्री, आय-जाति व नक्शा और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने जैसे कामों पर असर पड़ा है। कर्मचारी संगठनों का यदि सरकार कोई फैसला नहीं लेती है तो 30 जुलाई से प्रदेश भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।

इन संगठनों ने हड़ताल का दिया था समर्थन

मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि राजस्व निरीक्षक, पटवारी, तहसीलदार, पंचायतकर्मी, वित्त सेवा, पंजीयन, वित्त समेत सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों ने समर्थन दिया था। 

सरकार ने पूरी की यह मांग

अधिकारियों-कर्मचारियों की इंक्रीमेंट, डीए और प्रमोशन की मांग थी। वेतनवृद्धि को लेकर सरकार ने हाल ही में बड़ा फैसला लेते हुए एमपी के 6.70 लाख सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को दो इंक्रीमेंट देने का निर्णय लिया है। मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष सिंह ने बताया कि सरकार ने जुलाई 2020 से जुलाई 2021 तक के एरियर को लेकर स्पष्ट नहीं किया है। इसे लेकर भी नाराजगी है। इसलिए आंदोलन जारी है।

इस तरह की है मांगे

1 जुलाई 2020 एवं 1 जुलाई 2021 की वेतन वृद्धि में एरियर की राशि का भुगतान किया जाए। प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान केंद्रीय तिथि से 16 प्रतिशत महंगाई भत्ता का भुगतान किया जाए। अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन की प्रोसेस जल्द शुरू हो। गृह भाड़ा भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों की तरह प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों को भी दिया जाए।

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