एमपी में 220 सीनियर तहसीलदार बनेंगे डिप्टी कलेक्टर, 173 नायब तहसीलदारों को भी मिलेगा प्रभार

पिछले सात वर्षों से प्रमोशन का इंतजार कर रहे तहसीलदारों के लिए अच्छी खबर है। एमपी में 220 सीनियर तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर बनाने की कवायद अब अंतिम दौर में है।

Update: 2023-02-16 10:21 GMT

पिछले सात वर्षों से प्रमोशन का इंतजार कर रहे तहसीलदारों के लिए अच्छी खबर है। एमपी में 220 सीनियर तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर बनाने की कवायद अब अंतिम दौर में है। जिसकी फाइल पूर्व में ही तैयार कर ली गई थी अब यह फाइल सामान्य प्रशासन विभाग में दौड़ लगा रही है। जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि 25 फरवरी के बाद लिस्ट घोषित की जा सकती है। वहीं नायब तहसीलदारों को भी तहसीलदार का प्रभार दिए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ है जिसमें कुल 173 नायब तहसीलदार शामिल हैं।

नायब तहसीलदार पदोन्नति की क्राइटेरिया

एमपी सरकार द्वारा नायब तहसीलदारों के पदोन्नति की जो क्राइटेरिया तय की गई है उसके अनुसार वर्ष 1999 से 2008 के बीच जो नायब तहसीलदार बने। इसके बाद तहसीलदार के पद पर पदोन्नत हुए किंतु इसके बाद उनको प्रमोशन नहीं मिल सका उन्हें पदोन्नत कर डिप्टी कलेक्टर बनाया जाएगा। जबकि ऐसे तहसीलदार जिन पर विभागीय जांच चल रही है उनको मौका नहीं मिल पाएगा। यहां उल्लेखनीय है कि मप्र राजस्व अधिकारी संघ गत एक वर्ष से पुलिस विभाग की तर्ज पर तहसीलदारों को प्रमोशन देने की मांग कर रहा है। इसको लेकर मंत्री व मुख्यमंत्री से भी गुहार लगाई गई थी। जिसके बाद सरकार द्वारा यह प्रक्रिया प्रारंभ की गई।

पीएससी से भर्ती हुए, नहीं मिला प्रमोशन

मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ का कहना है कि एमपी पीएससी के जरिए जिन नायब तहसीलदारों की भर्ती वर्ष 1999 से 2008 के बीच की गई थी किन्तु उन्हें प्रमोशन नहीं मिल पाया। नियमानुसार यदि उनका प्रमोशन किया जाता तो अब तक उनकी दो बार पदोन्नति हो चुकी होती और वे जाइंट कलेक्टर बन गए होते। किंतु पदोन्नति नहीं होने के कारण वह डिप्टी कलेक्टर भी नहीं बन पाए। संघ का कहना है कि 220 तहसीलदारों को पदोन्नति का इंतजार है। जिनमें से कई तहसीलदार ऐसे भी हैं जिनके खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है।

आरआई बनेंगे नायब तहसीदार

राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार बनाने की प्रक्रिया भी चल रही है। जिसके लिए गत वर्ष अक्टूबर में प्रस्ताव भी तैयार हो चुका है। जिसके लिए क्राइटेरिया भी तय कर दी गई है। एमपी में अभी तक की स्थिति में नायब तहसीलदार के कुल 1242 पद हैं जिनमें से तकरीबन 504 पद रिक्त पड़े हुए हैं। वहीं सीनियर नायब तहसीलदारों को तहसीलदार का प्रभार मिलेगा। जिससे रिक्त पदों में वृद्धि हो जाएगी। इन रिक्त पदों को राजस्व निरीक्षकों के जरिए भरा जाएगा। इसके साथ ही तहसीलदारों की कुर्सी खाली होने के बाद नायब तहसीलदारों को कार्यवाहक तहसीलदार बनाया जाएगा जिसकी फाइल भी दौड़ लगा रही है जिनकी संख्या 173 बताई गई है।

नायब तहसीलदार बनाने यह रहेगी क्राइटेरिया

राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार पद पर पदोन्नति दी जाएगी। जो क्राइटेरिया तय की गई है उसमें ऐसे राजस्व निरीक्षक जिन्होंने पद पर पांच वर्ष की सेवा अवधि पूरी कर ली हो उन्हें शामिल किया गया है। वर्ष 2017 से 2021 तक के गोपनीय प्रतिवेदन होने के साथ ही समग्र मूल्यांकन का योग कम से कम 10 अंक होना चाहिए। उनके खिलाफ किसी प्रभार की विभागीय जांच, अनुशासनात्मक कार्रवाई, लोकायुक्त समेत अन्य केस अथवा दंड का प्रभाव समाप्त नहीं हुआ है तो उनको पात्र नहीं माना जाएगा।

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