MP News: अनुकम्पा नियुक्ति नहीं मिली तो खुद को एचआईवी संक्रमित कर लूंगा, युवक ने दी अजीब धमकी

शासन-प्रशासन से अपनी मांगों को मनवाने के लिए लोगों द्वारा तरह-तरह के हथकण्डे अपनाए जाते हैं। कुछ इसी तरह का मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर का सामने आया है। जहां अनुकम्पा नियुक्ति नहीं मिलने पर युवक द्वारा खुद को एचआईवी संक्रमित कर लेने की धमकी दी गई है।

Update: 2022-11-18 11:32 GMT

MP Jabalpur News: शासन-प्रशासन से अपनी मांगों को मनवाने के लिए लोगों द्वारा तरह-तरह के हथकण्डे अपनाए जाते हैं। कुछ इसी तरह का मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर का सामने आया है। जहां अनुकम्पा नियुक्ति नहीं मिलने पर युवक द्वारा खुद को एचआईवी संक्रमित कर लेने की धमकी दी गई है।दरअसल एचआईवी संक्रमित पिता की मौत के बाद 18 साल बाद भी उसे अनुकम्पा नियुक्ति नहीं मिलने युवक खफा है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा चौकीदार पद पर पदस्थ रहे पिता की मौत के बाद मानवीयता के आधार पर बड़े बेटे की विशेष अनुकम्पा नियुक्ति का प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के मार्फत सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा था। जहां यह निरस्त हो चुका है और युवक तभी से लगातार अनुकम्पा नियुक्ति की मांग सरकार से कर रहा है। किन्तु इस बार उसने नियुक्ति नहीं मिलने पर विश्व एड्स दिवस 1 दिसम्बर 2022 के दिन खुद को एचआईवी पॉजिटिव कर लेने की धमकी दी है। साथ ही उसने कहा है कि इसकी जवाबदारी मध्यप्रदेश शासन और चिकित्सा शिक्षा विभाग की होगी। इसके साथ ही युवक ने इसकी सूचना युवक ने जबलपुर कलेक्टर, एसपी, मेडिकल कॉलेज प्रशासन और गढ़ा थाना पुलिस को भी दी है।

क्या है मामला

युवक के अनुसार उसके पिता नेताजी सुभाष चंद्र मेडिकल कॉलेज में चौकीदार थे। वर्ष 1995 में पिता के एचआईवी संक्रमित होने की जानकारी मिली। बीमारी के चलते 2004 में उनकी मौत हो गई। युवक दो भाई बताए गए हैं। पिता के मौत के बाद मां सहित दोनों भाइयों की एचआईवी जांच की गई। जिसमें मां की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के साथ दोनों भाइयों की रिपोर्ट निगेटिव आई। बताया गया है कि युवक की मां का इलाज एआरटी सेंटर में चल रहा है। पिता के मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी का भार बड़े बेटे के कंधे पर आ गया।

18 वर्षों से कर रहा अनुकम्पा नियुक्ति की मांग

युवक की मानें तो मेडिकल कॉलेज में विशेष अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन फिलहाल अपर सचिव मेडिकल एजुकेशन कार्यालय में लंबित है। अनुकम्पा नियुक्ति की मांग करते-करते लगभग 18 वर्ष बीत गए किंतु आज तक कुछ नहीं हो पाया। बताया गया है कि यह आवेदन हाल ही में संचालनालय चिकित्सा शिक्षा कार्यालय से एसीएस मेडिकल एजुकेशन को भेजा गया है। युवक के आवेदन पर डीएमई कार्यालय के अफसरों ने इसे तैयार किया था। युवक के मुताबिक 2004 में जब पिताजी की मौत हुई तब सरकारी नौकरी में कार्यरत कर्मचारी की मौत के बाद उसके आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति देने का प्रावधान नहीं था। किन्तु कर्मचारी की मौत के बाद परिजनों को जो अनुदान दिया जाता था उसे उसके परिवार द्वारा नहीं लिया गया। तभी से अनुकम्पा नियुक्ति की मांग सरकार से की जा रही है। युवक के अनुसार राज्य सरकार ने अगस्त 2016 में कार्यभारित और आकस्मिक निधि सेवा के तहत कार्यरत कर्मचारी की नौकरी के दौरान मौत पर आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति देने का प्रावधान सरकारी सेवा नियमों में किया गया है। इस संशोधन के बाद अनुकम्पा नियुक्ति के लिए पात्र हो गया हूं।

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