एमपी जबलपुर के आयुध निर्माणी खमरिया में बने बमों का लॉट रिजेक्ट, प्रबंधन में हड़कम्प

आयुध निर्माणी खमरिया में बने अलग-अलग बमों का लॉट रिजेक्ट कर दिया गया है। जिससे कंपनी प्रबंधन में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई।

Update: 2022-12-04 09:52 GMT

आयुध निर्माणी खमरिया में बने अलग-अलग बमों का लॉट रिजेक्ट कर दिया गया है। जिससे कंपनी प्रबंधन में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई। कर्मचारियों की मानें तो प्रबंधन द्वारा संख्या पर अधिक ध्यान दिया जबकि इसकी गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते बमों के लॉट को अस्वीकार कर दिया गया है। जबकि किसी प्रकार के लॉट के अस्वीकृत होने की जानकारी से नहीं आने की बात फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा कही जा रही है।

बमों की गुणवत्ता पर उठे सवाल

देश की सबसे बड़ी आयुध निर्माणी खमरिया में बने बमों के टारगेट को लेकर कुछ दिक्कतें आ रही थीं। जिसके चलते लॉट को निरस्त कर दिया गया है। वहीं कर्मचारियों का आरोप है कि फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा केवल बमों की संख्या पर ध्यान दिया गया। जबकि इसकी गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाना चाहिए। आयुध निर्माण फैक्ट्री में कुछ हफ्ते पहले ही 84 एमएम बम, 551 और 751 एम्युनेशन के चार लॉट बने थे। जब इन बमों को लॉन्ग प्रूफ रेंज में क्वालिटी चेक को सौंपे गए तो चेकिंग के दौरान बमों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए इन्हें अस्वीकार कर दिया गया। सूत्रों की मानें तो बमों के टारगेट को लेकर कुछ दिक्कतें आ रही थीं जिसके कारण लॉट को अस्वीकार किया गया है।

ढाई सौ से तीन सौ करोड़ बताई जा रही कीमत

आयुध निर्माणी खमरिया के कर्मचारियों के अनुसार यहां बने बमों के जो लॉट अस्वीकार किए गए हैं उनकी कीमत तकरीबन ढाई सौ से तीन सौ करोड़ बताई जा रही है। अस्वीकृत बमों को लेकर जहां कर्मचारियों ने आरोप लगाए हैं तो वहीं फैक्ट्री प्रबंधन इससे अनभिज्ञता जता रहा है। निर्माणी कर्मचारी अरनब दास गुप्ता की मानें तो इस वित्तीय वर्ष में तकरीबन साढ़े तीन हजार करोड़ उत्पादन का लक्ष्य है। जिसे प्राप्त करने की दिशा में किसी भी प्रकार के ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देने के कारण इस तरह के हालात निर्मित हुए हैं।

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