Jabalpur: इलाज न मिलने से मासूम ने तोड़ दिया दम, अस्पताल से नदारत रहे चिकित्सक
MP Rewa News: ओपीडी के बाहर एक मासूम बालक ने अपनी मां की गोद में केवल इसलिए दम तोड़ दिया, क्यों कि उसे सही समय पर इलाज नहीं मिला।
MP Jabalpur News: कहने को तो शासन प्रशासन द्वारा आम जन मानस के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई जाती है। लेकिन इन योजनाओं की जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है। अगर यह कहा जाय कि प्रदेश में शिक्षा के साथ स्वास्थ्य की समस्या अपने चरम पर है तो अतिशयोक्ति न होगा। अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्था की पोल खोलता एक ऐसा ही वीडियो जबलपुर के बरगी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से वायरल हुआ है। वायरल वीडियो (Jabalpur Viral Video) के अनुसार चिकित्सालय की ओपीडी के बाहर एक मासूम बालक ने अपनी मां की गोद में केवल इसलिए दम तोड़ दिया, क्यों कि उसे सही समय पर इलाज नहीं मिला। बताते हैं कि चिकित्सालय की ओपीडी (OPD) के दौरान यहां एक भी चिकित्सक महिला को नहीं मिला। जिससे महिला के बेटे की जान बिना इलाज के ही चली गई।
बताया गया है कि बच्चे को उल्टी-दस्त की शिकायत के चलते बुधवार की सुबह महिला अपने बेटे को सुबह 10 बजे लेकर अस्पताल पहुंची। लेकिन महिला को अस्पताल में एक भी चिकित्सक नहीं मिले। परिणाम यह निकला की बच्चे की जान चली गई। गौरतलब है कि इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभूराम चौधरी ने कलेक्टर से फोन पर बात कर जांच के निर्देश दिए हैं। जांच के बाद रिपोर्ट के अनुसार दोषियों पर कार्रवाई का निर्देश भी स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दिया गया है।
दो घंटे तक भटकते रहे
बरगी से करीब 15 किलोमीटर दूर के तिन्हेटा गांव के निवासी ऋषि को उल्टी-दस्त की समस्या के चलते परिजन बुधवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरगी लेकर गए। परिजन सुबह 10 से 12 बजे तक चिकित्सकों की तलाश करते रहें। लेकिन चिकित्सक नहीं मिले। परिजनों ने बताया कि दोपहर 12 बजे तक न तो कोई चिकित्सक ही ड्यूटी पर था और न ही कोई नर्स। 12 बजे के बाद एक नर्स आई, जिसने बताया कि चिकित्सकों के आने का समय सुबह 10 बजे है। लेकिन 12 बजे तक अस्पताल के चक्कर लगाने के बाद भी परिजनों को कोई चिकित्सक नहीं मिला। जिससे बालक की मौत हो गई।
पारिवारिक कार्यक्रम के कारण हुई देरी
इस संबंध में सीएमएचओ जबलपुर से मिली जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉ. लोकेश की ड्यूटी थी। वह एक पारिवारिक धार्मिक कार्यक्रम के चलते 12 बजे अस्पताल पहुंचे। डॉ. लोकेश ने अपने सीनियर्स को देरी से आने की बात पहले ही बता दी थी।
पहले ही हो चुकी थी मौत
कलेक्टर इलैया राजा टी (Collecter illaiya Raja T) ने बताया कि बच्चे की अस्पताल पहुंचने के पहले ही मौत हो चुकी थी। बच्चे को कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। 10 दिन पूर्व बच्चे पहले बच्चे का पैर जल गया था। पैर में इनफेक्शन बढ़ गया था। जिसके इलाज के लिए परिजन बच्चे को लेकर अस्पताल गए। जहां चिकित्सक ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
पूर्व सीएम ने किया ट्वीट
पूर्व सीएम कमलनाथ ने घटना की तस्वीर के साथ ट्वीट करते हुए कहा है कि घटना हृदयविदारक है। एक मासूम बालक स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर अपनी मां की गोद में तड़प-तड़प कर दम तोड़ देता है। उसे न तो चिकित्सक ही मिले पाया और न ही इलाज ही मिल पाया।