Jabalpur : जजों की कमी के चलते हाई कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या 4 लाख पार, 53 में से 25 पद है रिक्त
न्यायालयों में जजों की संख्या कम होने के कारण न्यायालय में विचाराधीन मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) की बात करें तो वहां पेंड़िग मामालों की संख्या चार लाख के पार पहुंच चुकी है।
Jabalpur / जबलपुर। बढ़ रहे अपराध और न्यायालयों में जजों की संख्या कम होने का परिणाम है कि न्यायालय में विचाराधीन मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। अगर बात हाईकोर्ट की हो तो वहां पेंड़िग मामालों की संख्या चार लाख के पार पहुंच चुकी है। न्याय की आश लगाये लोगों के तारीख पर तारीख दी जा रही है। लेकिन सरकार का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है। हाईकोर्ट जबलपुर में 53 जजों के पद स्वीकृत हैं। जिसमें 25 पद रिक्त हैं। जिनकी भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
जजों पर दोगुना भार
हाईकार्ट के जजों पर दोगुना भार है। हाईकोर्ट में स्वीकृत पदों में आधे जज के पद रिक्त हैं। आधे जज ही मामलो की सुनवाई कर रहे है। बढ़ रहे मामलों को देखते हुए तुरंत सभी पद भरे जाने की आवश्यकता हैं लेकिन यह सम्भव नही हो पा रहा है। जजों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में माना जारहा है कि सभी जजों के पद भर जाने के बाद लोगों के मामलों की जल्द सुनवाई होगी।
ऐसे बढ़ रहे मामले
हाईकोर्ट की तीनों खंडपीठों में दायर मामलों की बात करें तो पता चलता है कि हर माह करीब हजार मामले पेंडिग रह जाते हैं। अगर आंकड़ो पर गौर किया जाय तो पता चलता है कि 30 जून 2021 की स्थिति में कुल 397975 मामले लम्बित थे। केवल जून माह में 10282 मामले तीनों खंडपीठों में दायर हुए। इस दौरान 9009 मामलों का निराकरण किया गया। लेकिन 1 हजार के करीब मामले जून माह में पेंडिग में चले गये। इसी तरह पेंडिग मामले बढ़ते जा रहे हैं।
कोरोना बना कारण
वही अगर कोरोना के समय की बात करें ते पता चलता है कि कोरोना के समय में मामलो की सुनवाई न के बराबर होने से भी मामले बढ़े हैं। पुराने मामलो में सुनवाई नही सकी। 2020 से कोरोना की वजह से हाईकोर्ट का कामकाज सीमित रहा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से महत्वपूर्ण मामले सुने गए। पुराने मामलों की बहुत कम सुनवाई हो पाई। ऐसे में लम्बित मामलों की संख्या में इजाफा होता गया।