Jabalpur: अचानक 'घाट की पाठशाला' पहुंचे कलेक्टर इलैयाराजा, 200 गरीबों को मुफ्त शिक्षा देने वाले पराग दीवान का हौसला बढ़ाया
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में एक ओर कल कल करती हुई बहती मां नर्मदा की गोद तो दूसरी ओर नर्मदा के तट पर संचालित 'घाट की पाठशाला' अद्भुत छटा बिखेर रही है।
Ghat Ki Pathshala Jabalpur: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में एक ओर कल कल करती हुई बहती मां नर्मदा की गोद तो दूसरी ओर नर्मदा के तट पर संचालित 'घाट की पाठशाला' (Ghat Ki Pathshala) अद्भुत छटा बिखेर रही है। यह छटा ज्ञान के प्रकाश की है, जो गरीब असहाय और बेसहारा बच्चों के जीवन को प्रकाशवान कर रही है। जब बात ज्ञान के इतने बड़े प्रकाश की हो रही है तो यह छुपी कैसे रह सकती है। घाट की पाठशाला की बात जिला मुख्यालय तक जा पहुंची। इस तरह के कार्य को सुनने के बाद जिला कलेक्टर इलैयाराजा टी से रहा नहीं गया और वह घाट की पाठशाला मे जा पहुंचे। जहां उन्होंने पठन-पाठन की व्यवस्था देख कर अत्यंत प्रफुल्लित हुए और हर सहयोग का भरोसा दिया।
कहां है घाट की पाठशाला?
जबलपुर के ग्वारीघाट के किनारे शाम के समय एक पाठशाला लगती है, जिसे घाट की पाठशाला कहा जाता है। जहां आज 200 गरीब और बेसहारा बच्चे एकत्र होते हैं। इसकी शुरूआत तो 10-12 बच्चों से वर्ष 2016 में हुई। मा नर्मदा के घाट के किनारे लगने वाली पाठशाला का लोगों ने नाम "घाट की पाठशाला" रखा है। पाठशाला का संचालन वहां रहने वाले पराग दीवान करते हैं वह भी बिल्कुल निःशुल्क।
कैसे हुई शुरुआत
बताया जाता है कि पराग दीवान नर्मदा नदी के किनारे अक्सर जाया करते थे। जहां उन्होंने देखा कि गरीब परिवार के होनहार बच्चे जीवन में उचित मार्गदर्शन न मिलने से भटक रहे हैं। इन बच्चों को शिक्षा दी जाए तो वह बेहतर कार्य कर सकते हैं। इस भावना से प्रेरित होकर उन्होंने बच्चों को पढ़ाने का कार्य घाट के किनारे शुरू कर दिया।
इस विद्यालय में नर्मदा किनारे दीपक, फूल, माला , नाव के लिए सवारी पकड़ना आदि तरह के छोटे-छोटे कार्य करने वाले बच्चो को शिक्षा देने का कार्य शुरू किया गया। यह बात जरूर है कि शुरुआत के दिनों में काफी कम बच्चे आया करते थे। घाट की पाठशाला की शुरुआत वर्ष 2016 में शुरू की गई। लेकिन आज की स्थिति यह है की घाट की पाठशाला में 2 सैकड़ा से ज्यादा बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
कलेक्टर पहुंचे और की सराहना
घाट की पाठशाला की खबर जैसे ही जबलपुर कलेक्टर इलैयाराजा टी के पास पहुंचे, उन्होंने अपना रुख ग्वारीघाट की ओर कर दिया। वहां पहुंचकर कलेक्टर ने 'घाट की पाठशाला' के शिक्षक पराग दीवान की क्लास देखी। बच्चों से मिले और बच्चों से बातचीत भी की। पवित्र नर्मदा नदी के किनारे चल रहे इस सराहनीय कार्य को देखकर कलेक्टर मन ही मन प्रफुल्लित हुए।
उन्होंने खुले मन से 'घाट की पाठशाला' के शिक्षक पराग दीवान की सराहना की। साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा के वह इस कार्य को प्रोत्साहित करेंगे। साथ ही बच्चों के लिए जितना कुछ हो सकेगा हर संभव मदद करने का प्रयास सतत करते रहेंगे।