एमपी के जबलपुर में भू-माफिया के चंगुल से मुक्त कराई डेढ़ करोड़ रुपए की सरकारी जमीन

जबलपुर में शासकीय जमीन पर कब्जा कर माफिया द्वारा बकायदे खेती की जा रही थी। मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन और पुलिस द्वारा भू-माफिया के कब्जे से उक्त जमीन मुक्त कराई गई।

Update: 2022-12-21 11:18 GMT

सरकारी जमीनों पर भू-माफियाओं का बोलवाला है। पहले इनके द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा किया जाता है और फिर उसका उपयोग अपना हित साधने के लिए करते हैं। ऐसा ही एक मामला जबलपुर का प्रकाश में आया है। जहां शासकीय जमीन पर कब्जा कर माफिया द्वारा बकायदे खेती की जा रही थी। मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन और पुलिस द्वारा भू-माफिया के कब्जे से उक्त जमीन मुक्त कराई गई। जमीन की कीमत तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपए बताई गई है।

12 एकड़ थी सरकारी जमीन

भू-माफिया के कब्जे से जिला प्रशासन ने पुलिस के सहयोग से उक्त सरकारी जमीन मुक्त करवाई। बताया गया है कि इस शासकीय भूमि पर माफिया द्वारा पहले कब्जा किया गया और उसके बाद जमीन का उपयोग खेती के लिए किया जाने लगा। देवचरण सिंह और रामचरण नामक शख्स द्वारा ग्राम लुहारी में तकरीबन 12 एकड़ शासकीय भूमि पर कब्जा कर अरहर एवं गेहूं की खेती की जा रही थी। जिसकी अनुमानित कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपए है जिसे भू-माफिया के चंगुल से मुक्त कराया गया।

पटवारी ने की थी शिकायत

ग्राम लुहारी में 12 एकड़ शासकीय भूमि में देवराज और रामचरण द्वारा कब्जा कर खेती करने की शिकायत पटवारी अंकुश बेन द्वारा दर्ज करवाई गई थी। पटवारी ने उक्त शिकायत तहसील कार्यालय और मंझोली थाने में की थी। शिकायत के बाद तहसीलदार प्रदीप मिश्रा और थाना प्रभारी अभिलाष मिश्रा ने उक्त शासकीय भूमि पर कब्जा करने वालों को चेतावनी दी गई थी कि अपना अतिक्रमण स्वतः हटा लें। जिस पर कुछ लोगों ने हटा भी लिया था। किन्तु देवराज सिंह और रामचरण द्वारा गेहूं एवं अरहर फसल की खेती की गई थी। जिसके कारण पुलिस व प्रशासन की टीम को अतिक्रमण हटवाने के लिए जाना पड़ा।

इनका कहना है

इस संबंध में तहसीलदार प्रदीप मिश्रा की मानें तो 12 एकड़ शासकीय भूमि में अतिक्रमण कर खेती किया जा रहा था। जमीन हल्का नंबर 35 खसरा नंबर 58/1 खेल मैदान के लिए स्वीकृत है। ग्राम लुहारी स्थित इस जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए दो माह पूर्व नोटिस जारी किया गया था। जिसमें कुछ लोगों द्वारा अपना कब्जा हटा भी लिया था। किंतु देवराज सिंह और रामचरण ने इस आदेश को नहीं माना। पटवारी द्वारा मंझोली थाना में शिकायत दर्ज करवाए जाने के बाद देवराज और रामचरण के खिलाफ धारा 447 की कार्रवाई करते हुए शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाया।

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