मध्यप्रदेश के इस जिले में तड़के लगे भूकंप के झटके, घरों से निकलकर बाहर की ओर भागें लोग
मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में भूकंप Earthquake in Seoni के झटके महसूस किए गए हैं. 27 अक्टूबर की तड़के सुबह चार बजे के आसपास जिले में
Earthquake in Seoni / मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. 27 अक्टूबर की तड़के सुबह चार बजे के आसपास जिले में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. जिसकी वजह से लोग घरों से निकलकर मैदानों की ओर भागने लगे थें.
मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के सिवनी (Seoni) जिले में मंगलवार की अल सुबह 4 बजे के आसपास भूकंप (Earthquake) के झटके कई बार महसूस किए गए. हांलाकि कोई नुकसान की खबर नहीं मिली है.
भोपाल के मौसम विभाग ने भी इसकी पुष्टि की है. भोपाल मौसम विभाग के विज्ञानी वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि सिवनी जिले के 21.92 उत्तरी अक्षांश 79.50 पूर्वी देशांतर के निकट 3.3 रिक्टर तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया है। भूकंप का केंद्र (एपी सेंटर) 15 किलोमीटर गहराई में स्थित था.
एक के बाद एक कई झटकों ने शहर के लोगों को दहशत में डाल दिया था. तड़के 3:53 बजे धरती में तेजी से कम्पन हुआ, जिसकी वजह से गहरी नींद में सो रहे लोग भी जाग कर सुरक्षित स्थान की ओर भागने लगें. डूंडासिवनी सहित शहर सभी हिस्सों में भूकंप जैसे कंपन के जोरदार झटके मंगलवार सुबह महसूस किए गए.
लगातार हो रहें भू-कम्पन / Earthquake in Seoni
भूकंपन की घटनाए सिवनी (Seoni) में लगातार हो रही है. आम लोगों ने मंगलवार को आए भूकंप (Earthquake) के बाद डूडासिवनी थाने का घेराव कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की. आरोप है कि भूकंपन का पता लगाने में प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है.
जल भूकम्पीय घटनाओं का अंदेशा
माह सितम्बर में कलेक्टर राहुल हरिदास फटिंग ने इन घटनाओं की जांच के लिए भू-सर्वेक्षण विभाग से कराई थी. जांच के लिए 7 सितंबर को जबलपुर के जियोफिजिसिस्ट एमएस पठान व असिस्टेंट जियोलॉजिस्ट सुजीत कुमार जांच करने सिवनी पहुंचे थे. जिसकी विस्तृत रिपोर्ट उन्होंने 27 सितम्बर को सौंपी थी.
जारी रिपोर्ट में जिला प्रशासन ने बताया कि निम्न दाब के कारण भूकंप जैसे झटके शहर व जिले में महसूस किए जा रहे हैं. सिवनी सेंट्रल इंडियन टेक्नोटिक जोन में स्थित है. प्रथम दृष्टया वर्षा जल के अंदरूनी चट्टानों में रिसने से अंदर का दबाव बढ़ जाने से इस तरह के क्वेक या स्वाम्र्स की संभावना बनती हैं. रिपोर्ट में भू गर्भीय घटनाओं के विस्फोट की ध्वनि के साथ होने की संभावना व्यक्त की गई है.
प्रशासन के अनुसार बारिश के बाद तीन से चार महीनों में यह जल भूकंपीय घटनाएं स्वतः समाप्त हो जाएंगी लेकिन अभी भी ऐसी स्थिति बनी हुई है. जिसकी वजह से स्थानियों ने प्रशासन को घेरते हुए नारेबाजी शुरू कर दी है.