एमपी जबलपुर के सीएचसी में मरीजों की जगह सोते मिले डॉगी, बीएमओ को थमाया नोटिस
सरकारी अस्पताल की दुर्दशा का एक ऐसा मामला सामने आया है जहां मरीजों के उपचार के लिए बिछाए गए पलंग में कुत्ते आराम फरमाते नजर आए।
यूं तो सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। जहां न तो समय पर मरीजों को उपचार मिल पाता है और न ही दवाइयां। यहां तक कि चिकित्सक भी सरकारी अस्पतालों की तरफ कम ही रुख करते हैं वह भी पैसे कमाने की होड़ में अपनी निजी क्लीनिक चलाने में ज्यादा मशगूल नजर आते हैं। सरकारी अस्पताल की दुर्दशा का एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां मरीजों के उपचार के लिए बिछाए गए पलंग में कुत्ते आराम फरमाते नजर आए। मामला जबलपुर के शहपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का है।
क्या है मामला
जबलपुर के शहपुरा निवासी सिद्धार्थ सोमवार को अपनी गर्भवती पत्नी का इलाज कराने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। सीएचसी में केवल एक नर्स ही उनको मिली। सिद्धार्थ की मानें तो रात तकरीबन 2 बजे के आसपास उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुआ। जिसको साथ लेकर उपचार के लिए वह यहां आए थे। जहां पर मरीजों के लिए लगाए गए पलंग में कुत्ते आराम फरमा रहे थे। यहां मिली नर्स द्वारा उनकी पत्नी का प्रारंभिक उपचार कर उन्हें सुबह होने का इंतजार करो कहकर भर्ती कर लिया। सिद्धार्थ के अनुसार स्वास्थ्य केन्द्र पूरी तरह बदहाली का शिकार है। जिसकी शिकायत भी उनके द्वारा सीएम हेल्प लाइन में की गई है। बदहाली व चिकित्सकों के यहां पर नहीं करने के कारण मरीज यहां आना पसंद नहीं करते।
स्वास्थ्य संचालक ने थमाया नोटिस
शहपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के पलंग में कुत्तों के सोने की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य संचालक डॉ. संजय मिश्रा ने नोटिस जारी कर दिया। डॉ. मिश्रा ने बताया कि ड्यूटी के दौरान अस्पताल में डॉक्टर का न रहना गंभीर लापरवाही है। अस्पताल में मरीजों को स्वास्थ्य व्यवस्था मिलनी चाहिए थी पर वहां के स्टाफ द्वारा लापरवाही बरती गई है। उन्होंने कहा कि जो तस्वीरें सामने आई हैं उससे यह स्पष्ट होता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में लापरवाही बरती जा रही है। स्वास्थ्य संचालक ने बीएमओ डॉ. सीके अतरौलिया को नोटिस जारी करते हुए उनसे 24 घंटे में जवाब मांगा गया है। नोटिस में कहा गया है कि यदि संतोषजनक नहीं मिला तो सख्त कार्रवाई की जा सकती है।