एमपी के जबलपुर में 20 हजार की रिश्वत लेते बाबू गिरफ्तार
संभागीय ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में पदस्थ सहायक बाबू ग्रेड-2 को रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। मामला जबलपुर का है।
लोकायुक्त की ताबड़तोड़ कार्रवाइयों के बावजूद भी शासकीय कार्यालयों में रिश्वतखोरी का बोलवाला है। काम करने की एवज में रिश्वत मांगना चलन सा बन गया है। संभागीय ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में पदस्थ सहायक बाबू ग्रेड-2 को रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। मामला जबलपुर का है।
क्या है मामला
सिवनी निवासी ठेकेदार सुरेन्द्र कुमार माल्या से रुकी हुई राशि जारी करने की एवज में रिश्वत की मांग की जा रही थी। बताया गया है कि ठेकेदार ने सिवनी केवलारी में खेल स्टेडियम का निर्माण 30 लाख रुपए में कराया था। जिसको हैण्डओवर भी 2021 में कर दिया गया था। स्टेडियम निर्माण के बाद संभागीय ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में 6 लाख की रुपए की राशि बकाया थी। जिसे ठेकेदार सुरेन्द्र कुमार माल्या लेना चाहते थे। जिसको जारी करने की एवज में यहां पदस्थ बाबू द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थी।
40 हजार की जा रही थी डिमांड
जबलपुर संभागीय ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में पदस्थ सहायक ग्रेड-2 बाबू शंभू सिंह ठाकुर द्वारा राशि जारी करने की एवज में ठेकेदार से 40 हजार रुपए की मांग की जा रही थी। जिसकी शिकायत ठेकेदार सुरेन्द्र कुमार ने जबलपुर लोकायुक्त से की थी। ठेकेदार की शिकायत की तस्दीक के बाद जब शिकायत सही पाई गई तो आज दोपहर ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में पदस्थ बाबू को जब ठेकेदार द्वारा 20 हजार रुपए रिश्वत दी जा रही थी उसी दौरान लोकायुक्त पुलिस ने संभागीय ग्रामीण यांत्रिकी कार्यालय में धावा बोल दिया और सहायक ग्रेड-2 बाबू शंभू सिंह ठाकुर को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए दबोच लिया।
कार्यालय में मचा हड़कम्प
लोकायुक्त टीम द्वारा की इस कार्यवाही से ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में हड़कम्प मच गया। कार्रवाई के बाद कार्यालय में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गरम रहा। बताया गया है कि जबलपुर संभागीय ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में पदस्थ सहायक ग्रेड-2 बाबू शंभू सिंह ठाकुर की 40 साल की नौकरी हो चुकी है। जबकि उनके सेवानिवृत्ति को केवल तीन वर्ष ही और बचे हैं।