MBA Paper Leak Case: बम के कॉलेज पर 5 लाख जुर्माना, 3 साल नहीं बनेगा परीक्षा केंद्र

मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा आयुक्त निशांत वरबड़े ने कहा कि बार-बार ऐसी हरकतें होती हैं और हम कमेटी बनाते हैं। इससे अच्छा है कि हम अपने सिस्टम को सुधारें, ताकि ऐसी नौबत नहीं आए।

Update: 2024-06-13 04:48 GMT

इंदौर. एमबीए प्रथम वर्ष पेपर लीक मामले में भाजपा नेता अक्षय कांति बम के आइडलिक कॉलेज पर विश्वविद्यालय ने पांच लाख रुपए का जुर्माना किया है, जो अब तक का सबसे अधिक है। इसके अलावा संघवी कॉलेज पर भी सत कार्रवाई की गई। दोनों कॉलेजों में तीन साल परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाने का फैसला भी किया गया, जो दंड स्वरूप होगा।

बुधवार को देवी अहिल्या विवि कार्यपरिषद की बैठक में उच्च शिक्षा आयुक्त निशांत वरबड़े, कुलपति डॉ. रेणु जैन, रजिस्ट्रार डॉ. अजय वर्मा, कार्य परिषद सदस्य डॉ. राधाकृष्ण लोढयाल व अनंत पंवार सहित अन्य मौजूद थे। बैठक में एमबीए पेपर लीक का मुद्दा छाया रहा। दोषी कॉलेजों पर कार्रवाई करने की बात उठी, जिस पर तय हुआ कि इन्हें 3 साल परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाए। पंवार ने कहा, इसके अलावा आर्थिक दंड भी किया जाना चाहिए। तय हुआ कि आइडलिक कॉलेज पर पांच लाख रुपए दंड किया जाए।

बिंदुओं पर जांच

विवि ने जांच समिति से 35 कॉलेजों की 14 बिंदुओं पर जांच कराई थी। समिति ने बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश कर दी, जिसके आधार पर कार्रवाई हुई।

ऐसे हुआ खुलासा

पेपर लीक होने के बाद विवि ने पूर्व जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच शुरू की थी तो क्राइम ब्रांच व ग्वालटोली थाने पर एफआइआर भी दर्ज कराई। पुलिस ने छात्र की तलाश की, जिसके पास वाट्सएप पर पेपर आया था। छोर पकड़ कर पुलिस बम के आइडलिक कॉलेज के कप्यूटर ऑपरेटर दीपक पिता सुरेश सोलंकी (25) निवासी रंगवासा रोड तक पहुंची, जिसने दो छात्रों को पेपर लीक करना स्वीकार किया। इसी प्रकार संघवी कॉलेज के पेपर के लिफाफों की सील खुली हुई थी।

3 कॉलेजों ने नहीं दी जानकारी

जांच कमेटी के सामने नौ कॉलेजों ने मौखिक रूप से स्वीकार किया कि उन्होंने पेपर थाने पर जमा किए पर दस्तावेज पेश नहीं किए। इसमें एक सरकारी कॉलेज भी शामिल है। तीन कॉलेजों ने अब तक कोई जानकारी नहीं दी है।

आयुक्त बोले-सिस्टम सुधारें

बैठक में पहली बार आए उच्च शिक्षा आयुक्त निशांत वरबड़े ने कहा कि बार-बार ऐसी हरकतें होती हैं और हम कमेटी बनाते हैं। इससे अच्छा है कि हम अपने सिस्टम को सुधारें, ताकि ऐसी नौबत नहीं आए।

छात्रों के भविष्य को देख खत्म नहीं की संबद्धता

एमबीए पेपर लीक मामले में अभाविप ने दोषी कॉलेजों की संबद्धता निरस्त करने की मांग की थी। ये बात चर्चा में सामने भी आई, जिस पर विवि का कहना था कि कॉलेज ने जांच में पूरा सहयोग किया था। कप्यूटर ऑपरेटर गिरतार हो गया है और प्रिंसिपल पर भी कार्रवाई हो गई है। कॉलेज के साथ कई बच्चों का भविष्य जुड़ा है। कुछ की वजह से सबको सजा नहीं दी जा सकती है।

युकां ने किया प्रदर्शन

बैठक के दौरान युवक कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने विवि में प्रदर्शन किया। वे मांग कर रहे थे कि रजिस्ट्रार व डीसीडीसी पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने संबद्धता जारी करने में लेनदेन का आरोप भी लगाया।

आइडलिक कॉलेज पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा ये भी फैसला हुआ है कि आइडलिक व संघवी कॉलेज पर तीन साल अब परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाएंगे। - डॉ. रेणु जैन, कुलपति, डीएवीवी

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