धार कलेक्टर और CEO पर गिरफ्तारी का वारंट: रोजगार सहायक को नौकरी से बर्खास्त करने का मामला, आदेश न मानने पर हाईकोर्ट का एक्शन

इंदौर हाई कोर्ट ने धार कलेक्टर प्रियांक मिश्रा और पूर्व जिला पंचायत सीईओ शृंगार श्रीवास्तव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह कार्रवाई एक रोजगार सहायक को नौकरी से बर्खास्त करने के मामले में की गई है। कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर यह कदम उठाया गया है।

Update: 2024-10-06 07:07 GMT

धार कलेक्टर और सीईओ पर गिरफ्तारी का वारंट: मध्य प्रदेश में इंदौर हाई कोर्ट ने धार जिले के एक महत्वपूर्ण मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने धार कलेक्टर प्रियांक मिश्रा और पूर्व जिला पंचायत सीईओ शृंगार श्रीवास्तव के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। यह कार्रवाई नालछा पंचायत के एक रोजगार सहायक मिथुन चौहान को नौकरी से बर्खास्त करने के मामले में की गई है।

मामला यह है कि मिथुन चौहान 25 फरवरी 2017 को बीमार होने के कारण ड्यूटी पर नहीं आ सके थे। इस आधार पर अधिकारियों ने उन पर कदाचरण का आरोप लगाते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। चौहान ने इस आदेश को चुनौती देते हुए 2019 में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

हाई कोर्ट ने 22 अगस्त, 2023 को चौहान के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उनकी सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने आदेश दिया कि चौहान को 50% पिछले वेतन के साथ अपनी नौकरी पर बहाल किया जाए।

शासन ने इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने अपील को खारिज कर दिया। इसके बाद भी अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया और चौहान को नौकरी पर बहाल नहीं किया। 4 अक्टूबर को जब अधिकारी कोर्ट में पेश नहीं हुए तो कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया।

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