जंतर मंतर से भगाने के बाद इंडिया गेट में पहलवान करेंगे प्रोटेस्ट! कहा- जीते हुए मेडल गंगा में बहा देंगे
Wrestlers to protest at India Gate: बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे पहलवानों ने कहा गंगा में बहा देंगे मेडल, फिर इंडिया गेट में आमरण अनशन करेंगे
पहलवान गंगा में मेडल बहा देंगे: WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की गिरफ़्तारी की मांग कर रहे पहलवानों को बीते दिन जंतर-मंतर से भगा दिया गया. जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने नया एलान कर दिया। पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कहा- हम अपने मेडल हरिद्वार की गंगा में बहा देंगे (Wrestlers to throw medals in Ganga in Haridwar) और उसके बाद इंडिया गेट में आमरण अनशन करेंगे
साक्षी मलिक ने ट्वीट करते हुए कहा-
'हम इन मेडलों को गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि वो गंगा मां हैं. जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं, उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत करके इन मेडलों को हासिल किया था. ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती हैं. हमें मुखौटा बनाया, हमारा फायदा उठाया. और फिर हमारा उत्पीड़न करने वाले के साथ हमारा तंत्र खड़ा गया, ऐसा तंत्र अपवित्र है.'
पहलवानों ने 30 मई की शाम 6 बजे हरिद्वार की गंगा में अपने मेडल विसर्जित करने की बात कही है.
खुद की शहीदों से तुलना की
प्रदर्शनकर रहे पहलवानों ने खुद की तुलना देश के लिए शहीद होने वाले जवनों से की, उन्होंने कहा-
‘मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं. इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा. इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे. इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी. हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते समय हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी.
जंतर मंतर से क्यों भगाए गए प्रदर्शनकारी
28 मई के दिन जब नए संसद भवन का उद्घाटन चल रहा था जब प्रदर्शनकारियों ने अपनी हद पार कर दी,वे नए संसद भवन में प्रदर्शन करने की मांग करने लगे. पुलिस ने ऐसी अनुमति नहीं दी बावजूद इसके पहलवान वहां पहुंच गए और बैरिकेटिंग तोड़ने लगे. जिसके बाद पुलिस ने 109 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की और कई लोगों को गिरफ्तार किया। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. इसके बाद पुलिस ने जंतर मंतर से पहलवनों द्वारा लगाए गए टेंट उखाड़ दिए और उन्हें दोबारा जंतर मंतर में घुसने नहीं दिया गया