आतिशी बनीं दिल्ली की सबसे युवा मुख्यमंत्री, केजरीवाल के पैर छूकर ली शपथ; कैबिनेट में 5 मंत्री शामिल
दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी ने शपथ ली। इस लेख में हम आतिशी के कैबिनेट और उनके राजनीतिक सफर पर चर्चा करेंगे।;
दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हुआ है जब आतिशी ने 21 सितंबर को दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। 43 वर्ष की उम्र में आतिशी दिल्ली की सबसे युवा मुख्यमंत्री बन गई हैं। शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पैर छूकर आभार प्रकट किया।
आतिशी, जो कालकाजी सीट से तीन बार की विधायक हैं, केजरीवाल के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे रहीं। AAP के विधायकों ने 17 सितंबर को उनकी नियुक्ति की घोषणा की। शपथ समारोह में उनके माता-पिता, केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और भाजपा सांसद मनोज तिवारी सहित कई नेता मौजूद थे।
शपथ लेने के बाद आतिशी ने कहा कि वे फरवरी 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाना चाहती हैं। आतिशी, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं।
कैबिनेट के अन्य मंत्री
आतिशी के साथ सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत ने भी मंत्री पद की शपथ ली। मुकेश अहलावत एक नए चेहरे के रूप में कैबिनेट में शामिल हुए हैं।
- आतिशी: केजरीवाल और सिसोदिया की विश्वासपात्र, जिन्होंने पार्टी की मजबूती बनाए रखी।
- सौरभ भारद्वाज: 2013 से विधायक, जिनका भाजपा के खिलाफ मुखर रुख रहा है।
- गोपाल राय: पार्टी के वरिष्ठ नेता, जो वर्किंग क्लास कम्युनिटी में अच्छी पकड़ रखते हैं।
- कैलाश गहलोत: जाट परिवार से, जो हरियाणा में राजनीतिक समीकरणों को संभालने में सक्षम हैं।
- इमरान हुसैन: दिल्ली में मुस्लिम समुदाय के एकमात्र प्रतिनिधि, जो अल्पसंख्यक वोट बैंक पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
- मुकेश अहलावत: दलित समुदाय से आने वाले, जिनका नाम AAP के दलित वोट बैंक को मजबूत करने के लिए शामिल किया गया है।
AAP की राजनीतिक यात्रा
आम आदमी पार्टी (AAP) का गठन 2012 में अन्ना आंदोलन के बाद हुआ था। इसे 2023 में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला, जिससे यह स्पष्ट है कि पार्टी की पकड़ दिल्ली और अन्य राज्यों में मजबूत हो रही है। दिल्ली में सत्ता में बने रहने और आगामी चुनावों में सफल होने के लिए, AAP ने अपनी रणनीति के तहत एक विविध कैबिनेट बनाई है, जिसमें विभिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व है।