पीएम मोदी ने कहा असली इतिहास को दबाया गया, ICHR दोबारा से भारत का इतिहास लिख रहा
पीएम मोदी न्यूज़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असली इतिहास के दबाए जाने पर अपनी चिंता व्यक्त की है;
PM Modi said the real history was suppressed: भारत के प्रधानमंत्री ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने देश के असली इतिहास के दबाए जाने पर चिंता जाहिर की है. पीएम मोदी ने कहा ''देश के इतिहास को दबाने का काम किया गया है, और विदेशियों के एजेंडे को आगे बढ़ाया है. हम उन गलियों को सुधारने का काम कर रहे हैं''
पीएम ने कहा - भारत का इतिहास सिर्फ गुलामी नहीं है. देश के वीरों की खूब कहानियां हैं. मगर किताबों में इनके बारे में नहीं बताया गया. हम उन गलतियों को सुधार रहे हैं जो पहले की गई हैं. ये बात पीएम मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में लचित बरफुकान की 400वीं जयंती कार्यक्रम के समापन समारोह में कही. इस दौरान उन्होंने सेनापति लचित योगदान को भी याद किया
कौन थे लचित बरफुकन
Who Was Lachit Barphukan: सेनापति लचित बरफुकन का जन्म 24-11-1622 में हुआ था. वे अहोम साम्राज्य के सेनापति थे. सेनापति लचित को पूर्वोत्तर का शिवाजी कहा जाता है. उन्होंने शिवाजी की राणिनीति की तरह ही मुगलों को कई बार परास्त किया था. मुग़लों को हारने वाले लचित की याद में असम में हर साल 24 नवंबर को लचित दिवस मनाया जाता है.
PM मोदी ने कहा कि मैं असम की धरती को प्रणाम करता हूं, जिसने लचित जैसे वीर दिए। वीर लचित ने अपने जीवन में खूब साहस और वीरता दिखाई है। असम की धरती इसकी गवाह रही है। 'अगर कोई तलवार के जोर से हमें झुकाना चाहता है, हमारी पहचान को बदलना चाहता है तो हमें उसका जवाब भी देना आता है''
पीएम मोदी ने कहा- कोई भी रिश्ता देश से बड़ा नहीं होता है, सेनापति लचित हमें प्रेरणा देते हैं कि व्यक्तिगत स्वार्थ को नहीं देश हित प्राथमिकता होनी चाहिए। इतिहास लिखने में पहले जो गलतियां हुई थीं उन्हें हम सुधार रहे हैं.
अमित शाह बोले- इतिहास फिर लिखा जाए
गृहमंत्री अमित शाह ने इतिहासकारों को फिर से इतिहास लिखने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे इतिहासकारों का समर्थन करेगी। शाह ने कहा हमारे इतिहास को सही तरीके से पेश नहीं किया गया है. उसे तोडा-मरोड़ा गया है. हमें इसे ठीक करना होगा
इस काम के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ़ हिस्टोरिक रिसर्च (ICHR) ने काम शुरू कर दिया है. ICHR भारत के झूठे इतिहास को सुधारने का काम करेगा। पहले फेज का काम 2023 में पूरा हो जाएगा। ICHR 100 से ज़्यादा प्रोजेक्ट में काम कर रहा है