निष्पक्ष जांच के लिए ST-SC जजों की मांग कर रहा था लोकेन्द्र गुर्जर! सुप्रीम कोर्ट ने 10 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया
Lokendra Gurjar Supreme Court 10 lakh Fine: लोककेंद्र गुर्जर नाम का एक नेता सुप्रीम कोर्ट में जाकर यह मांग कर कर रहा था कि OBC प्रकरणों निष्पक्ष जांच के लिए गैर सवर्ण जजों से सुनवाई की जाए;
लोकेन्द्र गुर्जर सुप्रीम कोर्ट 10 लाख का जुर्माना: देश में ऊंची-नीची जाति की राजनीति करने वालों की कोई कमी नहीं है. न्यायपालिका ही सिर्फ एक संसथान है जहां किसी की जाति-धर्म को नहीं सिर्फ संविधान और कानून के तहत फैसला सुनाया जाता है. लेकिन जाति में लोगों को बांटने वालों ने सुप्रीम कोर्ट में भी अपनी मानसिकता का प्रदर्शन कर दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने जात-पात फ़ैलाने वाले सो कॉल्ड नेता पर 10 लाख रुपए का जुर्माना ठोंक दिया।
लोकेन्द्र गुर्जर पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया 10 लाख रुपए का जुरमाना
बात हो रही है लोकेन्द्र गुर्जर नाम के एक नेता की जो खुद को OBC/SC-ST को न्याय दिलाने का दावा करता है. ये भाईसाब सुप्रीम कोर्ट गए और वहां जजों की बेंच के समक्ष अपील करते हुए मांग उठाई कि OBC प्रकरणों की निष्पक्ष जांच के लिए SC-ST जजों की नियुक्ति की जाए. लोकेन्द्र गुजर्र की सोच यह थी कि मामला OBC से जुड़ा है तो इसकी निष्पक्ष जांच सर्फ ST-SC जज ही कर सकता है गैर SC-ST नहीं कर सकता।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने लोकेंद्र गुर्जर की इस मांग को सुनते ही भड़क गई और याचिकाकर्ता को तगड़ी फटकार लगाते हुए इसे न्यायपालिका की अवहेलना करार देते हुए 10 लाख रुपए का जुर्मना लगा दिया।
दरअसल मामला मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर से जुड़ा हुआ है. हाईकोर्ट जबलपुर में OBC आरक्षण के चल रहे 80 से ज्यादा प्रकरणों की सुनवाई के लिए लोकेन्द्र गुर्जर ने न्यूट्रल बेंच गठित करने की मांग उठाई थी. हाईकोर्ट ने 20/3/2023 को यह याचिका ख़ारिज कर दी थी.
लोकेन्द्र गुर्जर ने जबलपुर हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया सुप्रीम कोर्ट में एस एल पी (c) 9682/2023 दाखिल कि गई। जिसकी सुनवाई दिनांक 17/7/2023 को हुई. जस्टिस ऋषिकेश और जस्टिस पंकज मित्तल के सामने बहस शुरू हुई.
बेंच ने लोकेन्द्र गुर्जर से कहा- आप इसी वक़्त अपनी याचिका वापस लेलें वरना भारी जुर्माने के साथ याचिका ख़ारिज की जाएगी। तब लोकेन्द्र गुर्जर के वकील उदय कुमार ने कहा- आप जितना भी जुर्मना लगाना चाहते हैं लगा दीजिये मगर मुझे बहस करने दीजिये। सुप्रीम कोर्ट की बेंच भड़क गई और जुर्माने की रकम 15 हजार से बढ़ते-बढ़ते 10 लाख रुपए तक पहुंच गई.
मध्य प्रदेश में OBC को 27% आरक्षण दिया जा रहा है जो कानून और संविधान दोनों के खिलाफ है. कानून कहता है कि कहीं भी 50% से ज्यादा आरक्षण नहीं हो सकता लेकिन यहां आरक्षण 73% तक पहुंच गया है. लोगों ने OBC के 27% वाले आरक्षण के खिलाफ ही जबालूर हाईकोट में याचिका लगाई थी और लोकेन्द्र गुर्जर OBC वर्ग की तरफ से याचिकर्ता बने हैं जो चाहते हैं कि मामला OBC से जुड़ा है तो सुनवाई करने वाला जज ST-SC ही हो तभी निष्पक्ष जांच होगी
अब लोगों से पैसे मांग रहा
लोकेन्द्र गुर्जर पर 10 लाख रुपए का जुर्मना लगा तो भी उसकी अकड़ कम नहीं हुई. गुर्जर ने अपनी न्यूट्रल बेंच की मांग को OBC वर्ग की आवाज करार देकर आम लोगों से पैसों की मदद मांगना शुरू कर दिया। अब लोग उसे पैसे भेज रहे हैं ताकि वो कोर्ट द्वारा लगाया गया जुर्माना भर सके
कोर्ट में जाकर जातिवाद लोकेन्द्र गुर्जर कर रहा है लेकिन उसके समर्थक सुप्रीम कोर्ट के जजों को जातिवादी कह रहे हैं. Dilip Mandal नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है कि जातिवाद ने जजों को अंधा कर दिया है.