दिल्ली अध्यादेश लोकसभा में पेश! अरविंद केजरीवाल के हाथ से बड़ी पॉवर फिसल गई

Delhi Ordinance introduced in Lok Sabha: दिल्ली में अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर से जुड़ा विधेयक लोकसभा में पेश हो गया

Update: 2023-08-01 09:25 GMT

Delhi Ordinance passed in Lok Sabha: दिल्ली में अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर पर नियंत्रण से जुड़ा विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश हुआ. इसी अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी एकता का समर्थन मांग रहे दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की तमाम कोशिशे नाकाम साबित हुईं।. इस दौरान विपक्ष ने सदन में 'Shame-Shame' के नारे लगाए। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा- दिल्ली अध्यादेश संविधान का उल्लंघन हैं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले बदलने की कोशिश है. 

जिस दिल्ली अध्यादेश की हम बात कर रहे हैं उसका पूरा नाम गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टैरिटरी ऑफ दिल्ली (अमेंडमेंट) बिल 2023 (The Government of National Capital Territory of Delhi (Amendment) Bill, 2023 है. जिसके तहत दिल्ली में पदस्त होने वाली अधिकारी और उनके ट्रांसफर का कंट्रोल दिल्ली ले LG के पास होगा। 

अरविंद केजरीवाल इसी मामले को लेकर कोर्ट गए थे, कोर्ट ने LG से इन पावर्स को छीन कर दिल्ली सीएम को दे दी थी. जिसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए दिल्ली अध्यादेश की पेश कर दिया। 

अरविंद केजरीवाल ये पॉवर अपने पास चाहते थे 

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल चाहते थे कि दिल्ली में उनके हिसाब से अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर हो. लेकिन यह शक्ति सिर्फ LG के पास थी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सीएम को ये पॉवर देदी लेकिन केंद्र सरकार ने दिल्ली अध्यादेश पास करके कोर्ट के फैसले को पलट दिया। 

क्या दिल्ली अध्यादेश असंवैधानिक है? 

Is the Delhi Ordinance unconstitutional: विपक्ष खास तौर पर AAP का कहना है कि केंद्र द्वारा लाया गया दिल्ली अध्यादेश संवैधानिक नहीं है. जबकि केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा है कि- संविधान का आर्टिकल 246(4) संसद को भारत के किसी भी हिस्से के लिए और किसी भी मामले के संबंध में कानून बनाने का अधिकार देता है, जो किसी राज्य में शामिल नहीं है। 

पूरी चीज़ शार्ट में बताएं तो अब दिल्ली में अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर के मामलों के नियंत्रक दिल्ली के उप राजयपाल होंगे ना की दिल्ली के मुख्य मंत्री। 



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