छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपए का शराब घोटाला! ED ने कांग्रेस नेता के भाई को अरेस्ट कर लिया
Rs 2000 crore liquor scam in Chhattisgarh: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दावा किया है कि CG में 2000 करोड़ रुपए का शराब घोटाला अंजाम दिया गया है
CG Liquor Scam: प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले का खुलासा किया है. ED दावा कर रही है कि इस स्कैम में राज्य सरकार के प्रमुख नेता और बड़े अधिकारी शामिल हैं. ED ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को गिरफ्तार कर लिया है. जिसके बाद उसकी कोर्ट में पेशी हुई और ED को 4 दिन की रिमांड मिल गई. अनवर ढेबर कांग्रेस नेता और रायपुर के महापौर एजाज ढेबर का भाई है.
ED ने इसी मामले में राज्य में कई जगहों में रेड मारी थी. इस मामले में सत्ता से जुड़े कई नेताओं के बयान दर्ज किए गए हैं. ED का दावा है कि साल 2019 से लेकर 2022 के बी बीच राज्य में अकूत भ्रष्टाचार हुआ है. और 2000 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं.
ED का कहना है कि-
"मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत हुई जांच में पता चला कि अनवर ढेबर के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में संगठित आपराधिक सिंडिकेट चलाया जा रहा है. अनवर को बड़े राजनेताओं और सीनियर नौकरशाहों का सपोर्ट हासिल है. अनवर ने ऐसा नेटवर्क तैयार किया है, जिससे छत्तीसगढ़ में हर शराब की बोतल बेचे जाने पर अवैध वसूली की जाती है."
छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ रुपए का घोटाला
रिपोर्ट्स के अनुसार CG में शराब की खरीद बिक्री और स्टॉक सब राज्य सरकार के कंट्रोल में है. राज्य में निजी शराब दुकान खोलने की इजाजत नहीं दी जाती है. यहां मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CSMCL) राज्य में बिकने वाली शराब का स्टॉक करता है. और शराब दुकान चलाने, कैश कलेक्शन, बोतल बनाने जैसे कामों का टेंडर जारी करता है. राज्य में सभी 800 दुकानें सरकार के कंट्रोल में हैं
ED का दावा है कि अनवर ढेबर ने अपनी राजनीतिक पहुंच के चलते CSMCL के कमिश्नर और एमडी के करीब पहुंचा और उनकी मदद से ही CSMCL में अपने करीबियों को नौकरी दिलवाई। इसी तरह उसने राज्य के पूरे शराब कारोबार में कब्जा कर लिया। उसने पूरा सिंडिकेट बना लिया है
ED ने क्या खुलासे किए
ED ने कहा छत्तीसगढ़ में चल रहा शराब सिंडिकेट शराब की क्वालिटी के हिसाब से 75 रुपए से 150 रुपए एक कमीशन वसूलता था. ये पैसे सप्लायर के द्वारा वसूले जाते थे. अनवर ढेबर कच्ची शराब बनवाता था और उसी के प्रभाव के चलते हर शराब दुकान में ये शराब बेचीं जाती रही. उसने नकली होलोग्राम बनवाए थे जो सीधा सरकारी गोदामों से दुकानों में पहुंचते थे. वह शराब बनाने वालों से भी लाइसेंस के नाम पर वसूली करता था.
ED को पता चला है कि राज्य में 2019-22 तक शराब की कुल बिक्री का 40% अवैध था. जिससे 1500 करोड़ रुपए तक का काला धन कमाया गया. इसी आधार पर ED ने अनुमान लगाया है कि छत्तीसगढ़ में कम से कम 2000 करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ है.
ED का कहना है कि अनवर ढेबर ही बस पैसे नहीं कमाता था. उसके साथ आबकारी विभाग के अधिकारी, कलेक्टर, और पोलिटिकल नेता भी पैसा खाते थे.