Indian Railway ने चलाई 295 बोगियों वाली 3.5 किमी सबसे लंबी ट्रेन, जानिए क्या है इसकी खासियत
Indian Railway ने 295 बोगियों वाली 3.5 किमी लंबी ट्रेन (Longest Train) वासुकी (Vasuki) का सफल परिचालन किया है. 3.5 किमी की इस Longest Train
Indian Railway ने 295 बोगियों वाली 3.5 किमी लंबी ट्रेन (Longest Train) वासुकी (Vasuki) का सफल परिचालन किया है. 3.5 किमी की इस Longest Train को खींचने के लिए Indian Railway ने इसमें 5 इंजन लगाए हैं. पांचों इंजनों के बीच बेहतर तालमेल के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिगनल से जोड़ा गया है. इस ट्रेन का नाम रेलवे ने वासुकी (Vasuki) रखा है.
Indian Railway Longest Train Vasuki
बता दें कोरोना काल में अधिकाँश ट्रेनें बंद हैं. कुछ Special Trains ही चल रही हैं. जिसके मौके का पूरा फायदा Indian Railway उठा रहा है. इन दिनों Indian Railway द्वारा कई तरह के प्रयोग किये जा रहें हैं. हाल ही में रेलवे ने 295 बोगियों वाली 3.5 किमी लम्बी ट्रेन का सफल परिचालन किया है. यह ट्रेन छत्तीसगढ़ के भिलाई से कोरबा तक चलाई गई है.
भारतीय रेल द्वारा नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए 295 वैगन और 5 इंजन वाली, 3.5 किलोमीटर लंबी वासुकी ट्रेन का सफलतापूर्वक परिचालन किया गया।
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) February 6, 2021
कम समय, कम लागत, अधिक सुविधायें और बेहतर सुरक्षा के कारण भारतीय रेल देश में माल ढुलाई का पसंदीदा साधन बनती जा रही है। pic.twitter.com/8vbBgQnrH1
3.5 किमी लंबी इस ट्रेन को चलाने के लिए रेलवे ने इसमें 5 इंजन लगाए थें. सभी इंजनों के बीच बेहतर तालमेल बैठ सके इसके लिए इन्हे इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल से जोड़ा गया. ऐसी ट्रेन को चलाने के पीछे रेलवे का मुख्य मकसद कम लागत, कम समय, अधिक सुविधाओं और सुरक्षा के साथ माल ढुलाई करना है. रेलवे के इन प्रयासों से कम समय में अधिक माल पहुंचा पाने में मदद मिलेगी.
कौन थे VASUKI
हिंदू पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक वासुकी (Vasuki) भगवान शिव (Lord Shiva) के परम भक्त थे. माना जाता है कि नाग प्रजाति (Snake species) के लोगों ने ही सबसे पहले शिवलिंग की पूजा का प्रचलन शुरू किया था. नागराज वासुकी को नागलोक का राजा माना गया है. कहते हैं कि समुद्र मंथन के दौरान वासुकी नाग को ही रस्सी के रूप में मेरु पर्वत के चारों ओर लपेटकर मंथन किया गया था.
इससे पहले चलाई थी शेषनाग और एनकोंडा
रेलवे ने इससे पहले भारत में सबसे लंबी ट्रेन शेषनाग (Sheshnag Train) के नाम पर चलाई गई थी. चार ट्रेनों को जोड़कर इसे चलाया गया था. शेषनाग से पहले तीन ट्रेनों को जोड़कर एनाकोंडा ट्रेन (Anaconda train) चलाई गई थी और अब वासुकी नाग ट्रेन चली है. मालगाड़ी के लिए अलग से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनाया गया है. दावा किया जा रहा है कि उस पर डेढ़ किलोमीटर लंबी ट्रेन चलेगी.
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