छत्तीसगढ़ सरकार पर दिख रहे संकट के बादल, सिंह देव का इस्तीफा, रमन सिंह गिना रहे कारण
वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार के कद्दावर मंत्री रहे टी एस सिंहदेव ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा क्यों दे दिया छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल सा आ गया है।
Chhattisgarh Panchayat Minister TS Singh Deo News: वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार के कद्दावर मंत्री रहे टी एस सिंहदेव ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा क्यों दे दिया छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल सा आ गया है। लोगों द्वारा कहा जाने लगा कि अब सरकार पर भी संकट आ सकता है। वही दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सिंह देव के इस्तीफे को लेकर कारण पर कारण बता रहे हैं। इन हालातों में लोगों को छत्तीसगढ़ में भी महाराष्ट्र जैसी स्थिति बनती नजर आ रही है।
क्या कहते हैं रमन सिंह
पंचायत मंत्री टी एस सिंह देव के इस्तीफे के बाद छत्तीसगढ़ में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। इस घमासान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सिहदेव के संबंध में कई तर्क प्रस्तुत करने लगे हैं। रमन सिंह ने कहा की जब सरकार के वरिष्ठतम विभाग मे कार्य करने का अधिकार नहीं दिया गया है। उन्हें प्रशासनिक स्वीकृति का अधिकार नहीं है। विभाग उनसे पूछे बगैर ही उनके निर्णय बदल रहे हैं ऐसी स्थिति में क्या कहा जा सकता है।
प्रदेश को 10 हजार करोड़ का नुकसान
सिंह देव के इस्तीफे के सबसे बड़े करण के रूप में प्रधानमंत्री आवास का छत्तीसगढ़ में न बनने देना प्रमुख कारण है। यह बात डॉक्टर रमन सिंह ने बताते हुए कहा कि सिंहदेव ने अपने इस्तीफे में इस घोषणा पत्र के वादे को पूरा न कर पाने को कारण बताया है। प्रधानमंत्री आवास प्रदेश में न बनने से प्रदेश को 10 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। यह सब कारणों से टीएस सिंहदेव निराश हैं। गरीबों को आवास नहीं मिला जिसे घोषणा पत्र में प्राथमिकता के तौर पर शामिल किया गया था।
मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बीच नहीं चल रहा ठीक
डॉ रमन सिंह द्वारा यह भी कहा गया कि अगर कोई भी कद्दावर मंत्री अपने इस्तीफे में यह कहे कि अब मेरे धैर्य की सीमा टूट चुकी है मैं इस पद को धारण नहीं कर सकता। इसका साफ मतलब है कि मुख्यमंत्री और प्रदेश के मंत्रियों के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रियो को अपने विभागीय कार्य का अधिकार नहीं मिल रहा है।
रमन सिंह का यहां तक कहना था कि प्रदेश में चल रही सरकार के मंत्रियों के मन ही मन में बडा आक्रोश है। एक न एक दिन यह आक्रोश भयावह रूप ले सकता है। अगर ऐसा हुआ तो महाराष्ट्र जैसी स्थिति बनते देर नहीं लगेगी। क्योंकि महाराष्ट्र में भी सरकार धरी की धरी रह गई और सारे लोग बगावती हो गए थे।