राष्ट्रपति ने कहा : न्याय व्यवस्था में महिलाओं की हो ज्यादा भागीदारी, उनमें हर तरह के न्याय देने की है क्षमता
महामहिम राष्ट्रपति ने शनिवार को यूपी के प्रयागराज (Prayagraj) में 640 करोड़ रूपये की रखी आधारशिला।
प्रयागराज। न्यायपालिका में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी होनी चाहिए। क्योंकि महिलाओं में हर तरह के लोगों को न्याय देने की क्षमता होती है। यह बातें भारत के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद (President Ram Nath Kovind) ने शनिवार को यूपी के प्रयागराज (Prayagraj) में एक कार्यक्रम के दौरान कहीं है। राष्ट्रपति ने कहा कि सही मायने में न्यायपूर्ण समाज की स्थापना तभी संभव होगी जब न्यायपालिका में महिलाओं की भी भूमिका बढ़ेगी। उन्होने बताया कि अभी 12 प्रतिशत से भी कम इनकी संख्या है। इनकी संख्या को बढ़ाना होगा। उन्होने इस दौरान कहा कि मै आशा करता हूं कि देश के इस बड़े हाईकोर्ट में महिला अधिवक्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
640 करोड़ की रखी आधार शिला
राष्ट्रपति श्री कोविंद संगम नगरी प्रयागराज में 640 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास किए। इस दौरान उन्होने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता चेंबर की बिल्डिंग और मल्टी लेवल पार्किंग की आधारशिला भी रखी।
न्याय सबसे बड़ी चुनौती
राष्ट्रपति ने कहा कि न्याय सबसे बड़ी चुनौती है। सबको न्याय मिले इसके लिए काम करना होगा। उन्होने कहा कि हर किसी में न्यायपालिका के प्रति विश्वास जगाना होगा। इसके लिये जरूरी है कि मामलों को जल्द निस्तारित करना चाहिए। उन्होने कहा कि मजबूत न्यायप्रणाली के लिये प्रर्याप्त संसाधन तथा जजों की सख्या बढ़ाई जाय।
हाईटेक होंगे न्यायालय
कार्यक्रम में उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि यूपी के सभी न्यायालयों को हाईटेक बनाया जायेगा। इसके लिये 70 करोड़ रूपये का बजट भी तैयार किया गया है। उनका कहना था कि आमजन को सरलता से न्याय दिलाने के लिए तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। डिजिटल माध्यम से अब मामलों की सुनवाई हो सकें इसके लिये तैयारी की जा रही है। कार्यक्रम में बताया कि प्रयागराज का हाईकोर्ट एशिया का सबसे बड़ा न्यायालय है। 24 करोड़ जनता यहां न्याय के लिए आती है। यहां 4 हजार वाहनों को पार्क करने के लिए हाईकोर्ट में पार्किंग बन रही है। इसके अलावा 6 हजार अधिवक्ताओं के लिए चैंबर बनाए जा रहे हैं।