ज्ञानवापी शिवलिंग की कार्बन डेटिंग से मुस्लिम पक्ष को एतराज क्यों? SC पहुंचा मामला
शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष! कहा फव्वारे की कार्बन डेटिंग ना कराइ जाए
Gyanvapi Shivling Carbon Dating SC: काशी विश्वनाथ मंदिर के ठीक बदल में कभी मंदिर का हिस्सा रहे ज्ञानवापी में शिवलिंग मिला है. यह शिवलिंग एक बावड़ी में है जिसे मुस्लिम पक्ष सदियों पुराना फव्वारा बताते हैं. इसी कथित शिवलिंग पर यहां आने वाले नमाजी अपने हाथ-पैर धोते हैं. कुछ दिन पहले ही अलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने का आदेश दिया था. ताकी यह क्लियर हो जाए कि कथित शिवलिंग असलियत में शिवलिंग का या महज एक फव्वारा?
अगर मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा होने का दावा करता है तो कार्बन डेटिंग से यह पता चल जाएगा कि यह कितने साल पुराना है. तब हिन्दू पक्ष और मुस्लिम पक्ष दोनों के दावों की सच्चाई पता चल जाएगी। लेकिन शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर मुस्लिम पक्ष ने एतराज जताया है. इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा दी है. इस मामले में सुनवाई 19 मई को होगी
यानी मुस्लिम पक्ष अपने दावे को सच भी साबित करना चाहता है लेकिन असली सच बाहर आने भी नहीं देना चाहता। मुस्लिम पक्ष कहता है कि वो शिवलिंग नहीं फव्वारा है. अगर वो फव्वारा है तो उसकी कार्बन डेटिंग होने से मुस्लिम पक्ष का पेट दर्द क्यों हो रहा है यह समझ से परे है.
शिवलिंग की कार्बन डेटिंग
हिन्दू पक्ष जो कहता है कि ज्ञानवापी की बावड़ी में मिली वो गोल सी चट्टान का टुकड़ा शिवलिंग है. और हिन्दू पक्ष ने ही इसके साइंटफिक सर्वे के लिए याचिका लगाई थी. कार्बन डेटिंग होने से यह पता चल जाएगा कि उस शिवलिंग नुमा चीज़ कितने साल पुराना है. यह भी क्लियर हो जाएगा कि वो फव्वारा है या नहीं। जाहिर है इतना तो तय है कि शिवलिंग की कार्बन डेटिंग होगी, लेकिन कब और कैसे होगी यह वाराणसी कोर्ट बताएगा