यूपी सरकार का फर्मान, डाक्टरों की उड़ गई नीद, नहीं की सरकारी अस्पताल में नौकरी तो...
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश के गांवों में डाक्टरों की कमी से परेशान है। डाक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने पीजी कर
यूपी सरकार का फर्मान, डाक्टरों की उड़ गई नीद, नहीं की सरकारी अस्पताल में नौकरी तो…
लखनउ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश के गांवों में डाक्टरों की कमी से परेशान है। डाक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने पीजी कर रहे डाक्टरों पर नये नियम जारी किये है। जिससे इनकी नीद उड़ी हुई है। डाक्टर बनाने में सरकार चिकित्सा शिक्षा पर कारोड़ों रूपये खर्च कर रही है।
लेकिन देखा यह जा रहा है कि इतना सब करने के बाद भी प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डाक्टरो ंकी कमी दूर नहीं हो रही हैं। गांव में डाक्टरों की कमी को ध्यान में रखते हुए पहले भी कई निर्णय लिए थे। जिससे ज्यादा फायदा नही हुआ। एक बार फिर योगी सरकार ने निर्णय लिया है कि पीजी के बाद डाक्टरों को 10 वर्ष का समय सरकारी अस्पताल में बिताना होगा। अगर डाक्टर ऐसा नही कते हैं तो उन्हें एक करोड़ रूपये देने होंगे।
पीजी पूर्ण कर चुके डाक्टरों को जाना होगा गांव
योगी सरकार ने अब प्रदेश में डाक्टरांे की कमी पूरी करने के लिए कई कडे नियम बनाएं हैं। पीजी पूरा करने के बाद डाक्टरांे को दस वर्ष तक शसकीय अस्पताल में सेवा देनी होगी। वही ऐसा न करने पर एक करोड़ रूपये सरकार को देने होंगे। वही पीजी की पढ़ाई बीच में छोड़ने पर 3 वर्ष के लिए डिबार कर दिया जायंेगा।
नीट में मिलेंगे अंक
डाक्टरों पर कडे नियम लागू करेने के साथ ही डाक्टरों को सरकार राहत भी देने जा रही है। योगी सरकार नियम में राहत देते हुए नीट की परीक्षा में उन डाक्टरों 10 अंक दिये जायेंगे जिन्होने एक वर्ष का कार्यकाल गांव के शासकीय चिकित्सालयों में सेवा देकर बताऐं गे। इसी तरह दो वर्ष की सेवा पर 20 और तीनी वर्ष तक गांव के सरकारी अस्पताल में सेवा करने पर अधिकतम 30 अंक देने का प्रावधान कर रही है। इसके लागू होते ही डाक्टरों को लाभ मिलेगा।