मौनी अमावस्या आज करें गंगा स्नान, पितृदोष शांत करने का दिन, उपाय ऐसे ....

मौनी अमावस्या आज करें गंगा स्नान, पितृदोष शांत करने का दिन, उपाय ऐसे ....प्रयागराज। माघ माह में पडने वाली अमावस्या को मौनी;

Update: 2021-02-16 06:48 GMT

मौनी अमावस्या आज करें गंगा स्नान, पितृदोष शांत करने का दिन, उपाय ऐसे ….

प्रयागराज। माघ माह में पडने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन दान तथा धार्मिक कार्य करना लाभप्रद माना जाता है तो वहीं पवित्र नदियों में स्नान करना भी काफी लाभप्रद और पुण्य देने वाला होता है। सबसे ज्यादा प्रयागराज में त्रिवेणी संगम स्नान का बड़ा महत्व है। तो वहीं दान में तिल दान का भी बड़ा महत्व है। इस दिन तिल से बनी चीजों का दान करने पर भगवान श्री मन्नारायण का आशीर्वाद मिलता है।

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ऐसी मान्यता है कि इस दिन मौन रहकर सारे पुण्य के काम करने पर भगवान श्री विष्णु का आर्शीवाद मिलता है। शायद इसी लिए इस अमावस्या को मौनी अमावस्या का नाम दिया गया। क्योंकि यह अपने नाम से ही यह लोगों को सर्तक करता है कि हमें मौन रहना चाहिए। और मौन रहते हुए अपने सारे कार्य करने चाहिए।
मौनी अमावस्या पर पितरों की शाति के लिए काई कार्य करने चाहिएं। इस दिन कुछ खास उपायों से पितृदोष भी शांत किया जा सकता है। मान्यता है कि पितृदोष को शांति प्रदान करने में भगवान विष्णु ही श्रेष्ठ देवता हैं। इस लिए इनकी विशेष पूजा करनी चाहिए।

पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सूर्य देव को प्रातः काल जल चढाना चहिए। धूप दीप से पूजा करनी चाहिए। पीपल पर मिठाई आदि पुरी श्रद्धा के साथ चढानी चाहिए। वही बाद में पीपल के पेड की 108 बार परीक्रमा करनी चाहिए। भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण ने गीता के उपदेश में कहा है कि मै वृक्षों में पीपल हू । इसीलिए पीपल को साक्षात भगवान श्री नारायण का रूप माना जाता है।

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