इस हाइवे के नीचे सुरंग बनाने के 7 गांवो की जमीन होगी अधिग्रहित, फटाफट देखे कही आपके गांव के नाम तो नहीं...जाने Full Info
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए भू अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है।
Varanasi International Airport: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए भू अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है। यहां बनाने वाली सुरंग के लिए 7 गांव की जमीन की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। बहुत जल्दी इन गांवों की जमीनों को अधिग्रहित किया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा यह निर्णय लिया गया। ज्ञात हो कि लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Lal Bahadur Shastri International Airport) का निर्माण सिडनी एयरपोर्ट की तर्ज पर किया जाना है। रेलवे के नीचे करीब 3 किलोमीटर की टनल बनेगी। देश का यह इस तरह का पहला एयरपोर्ट होगा।
खर्च होंगे 1500 करोड़ रुपए
इस प्रोजेक्ट में लगभग 1500 करोड़ रुपए खर्च होने वाले हैं। जानकारी के अनुसार रनवे के नीचे 3 किलोमीटर की लंबी सुरंग बनाई जाएगी। यह सुरंग अपने तरह का देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा यहां पर इस तरह की व्यवस्था की जा रही है। इस एयरपोर्ट की एक खासियत यह भी होगी कि इसमें बोइंग 777 आसानी से टेक ऑफ और लैंड का सकेंगे। देश के लिए इसे एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
क्या है खास
जानकारी के अनुसार इस लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट को सिडनी की स्टाइल में मनाया जा रहा है। बताया गया है कि इसके रनवे की लंबाई 2745 मीटर है जबकि इसे 1750 मीटर बढ़ाई जा रही है। जानकारी के अनुसार वाराणसी में इस एयरपोर्ट को बनाने के लिए 2015 मैं योजना तैयार की गई थी लेकिन अब जाकर इसे मंजूरी मिली है ।
विशेषज्ञों द्वारा इस टनल के संबंध में बताया गया है कि इसे कुछ इस तरह बनाया जा रहा है कि भारी विस्फोट में भी इसे कोई नुकसान नहीं होगा। टनल कि इस गुणवत्ता की वजह से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
इन गांव की जमीन पर लगा प्रतिबंध
एयरपोर्ट बनाने को लेकर जिला प्रशासन ने वाराणसी के कुछ गांवों में जमीन की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब यहां की जमीन प्रशासन की अनुमति के बिना रजिस्ट्री नहीं करवा सकता। एक तरफ से कहा जाए तो एयरपोर्ट के सगुनहा, घमहापुर, कर्मी, बैकुंठपुर, मंगारी, पूरा रघुनाथपुर और बसनी के जमीन की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है।
किए गए सर्वे के अनुसार 7 गांव की करीबन 857 किसानों से लगभग 290 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जानी है। माना जा रहा है कि इतने बड़े एयरपोर्ट के निर्माण में कई गांवों का अस्तित्व ही विलुप्त हो जाएगा। जिला प्रशासन भू अधिग्रहण को लेकर कवायद शुरू कर चुका है। प्रारंभिक तौर पर प्रशासन किसानों से बातचीत कर रहा है। हालांकि अभी तक विरोध या फिर किसी भी तरह की विषम परिस्थितियां निर्मित होती नहीं दिख रहे हैं। फिर भी प्रशासन बड़े एहतियात के साथ काम कर रहा है।