परिवार को कष्ट में नहीं छोड़ सकता.. बोलकर उठाया आत्मघाती कदम
उत्तर प्रदेश के कानपुर में युवक ने की आत्महत्या।
कानपुर (Kanpur) सभी को मुक्ति के मार्ग पर छोड़कर जा रहा हूं। परिवार को कष्ट में नहीं छोड़ सकता। सारे कष्ट एक ही पल में दूर कर रहा हूं। मेरी आत्मा कभी मुझे माफ नहीं करती.. अलविदा। इन तरह की बातें सुशील के फ्लैट में मिली डायरी के पेज में उल्लेखित है। कोविड बीमारी का तनाव या कुछ और, एक व्यक्ति ने ऐसा आत्मघाती कदम उठाया कि दिल दहल जाय। डाक्टर सुशील 50 वर्ष ने हथौड़े से पत्नी चंद्रप्रभा का सिर कूंचा, जब चंद्रप्रभा की सांसे थम गई तो वहीं बेटे शिखर और बेटी खुशी का गला घोट दिया। चंद्रप्रभा शिवराजपुर स्थित स्कूल में शिक्षिका थीं जबकि शिखर दिल्ली में इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था तो खुशी हाईस्कूल की छात्रा थी।
पुलिस के हाथ लगी डायरी
सुशील के फ्लैट में पुलिस को एक डायरी मिली है जिसमें लिखा हुआ है कि ये कोविड सबको मार डालेगा। अब और लाशें नहीं गिननी है। पुलिस ने डायरी को कब्जे में लिया है। पुलिस का मानना है कि डा. सुशील डिप्रेशन में थे। कोविड बीमारी को लेकर वह काफी तनाव में थे, उन्हें लग रहा था कि अब जीवन नहीं बचेगा। इसलिए ऐसा आत्मघाती कदम उठाया। पुलिस को आशंका है कि सुशील तीनों को मारकर आत्महत्या करने की फिराक में है। जिसकी तलाश की जा रही है।
मैं लाइलाज बीमारी से ग्रस्त हूं
डायरी में सुशील ने लिखा है कि मैं लाइलाज बीमारी से ग्रसित हूं। अपनी लापरवाही के चलते कॅरियर के उस मुकाम में फंस गया हूं जहां से निकलना मुश्किल है। मेरा कोई भविष्य नहीं रहा। मैं पूर्ण होशोहवास में अपने परिवार को खत्म कर रहा हूं। आगे का भविष्य नजर नहीं आता। इसके अलावा मेरे पास कोई चारा नहीं है।
सुनील ने बताया
सुशील और सुनील दोनों जुड़वा भाई हैं। सुनील ने बताया है कि एक साल पहले सुशील ने उसे बताया था कि वह डिप्रेशन में है। जिसका इलाज करवा रहा है। हालांकि उसने यह नहीं बताया कि इलाज कहां चल रहा है। लेकिन किसी तरह की कोई हरकत की जानकारी नहीं मिल सकी है।
भाई को किया मैसेज
डा. सुशील ने शुक्रवार की शाम लगभग 5 बजे अपने भाई सुनील को मैसेज किया जिसमें कि पुलिस को इंफार्म करो। मैंने डिप्रेशन में हत्या कर दी। इसके बाद सुनील उनके घर पहुंचे। दरवाजा बंद मिला। दरवाजा तुड़वाया तो उन्हें चंद्रप्रभा, शिखर और खुशी की लाशें मिली। इस दौरान पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।