रामपथ निर्माण में आड़े आ रही अयोध्या कि ‘मस्जिद खजूर वाली’ को गिराया जाएगा!
अयोध्या में 1750 में बनी मस्जिद खजूर वाली के कुछ हिस्से को गिराया जाना है, लेकिन मामला कोर्ट पहुंच गया है;
Ayodhya 'Masjid Khajoor Wali' Will Be Demolished: अयोध्या में एक और मस्जिद को गिराया जाएगा, पूरी की पूरी नहीं बल्कि मस्जिद का कुछ हिस्सा गिराने का काम होना है. दरअसल यूपी लोक निर्माण विभाग (UP PWD) इस मस्जिद के सामने रोड का चौड़ीकरण कर रहा है. यहां 6 लेन की सड़क बन रही है. लेकीन इस सड़क के निर्माण में अयोध्या की 'मस्जिद खजूर वाली' की एक मीनार आड़े आ रही है. इसी लिए विभाग द्वारा इसे गिराने का नोटिस दिया गया है.
इस मस्जिद का नाम 'मस्जिद खजूर वाली' है. यह गुदरी बाजार इलाके में है. मस्जिद काफी पुरानी बताई जाती है. इस मस्जिद के के सामने रामपथ नाम की 6 लेन सड़क का निर्माण हो रहा है. लेकिन मस्जिद की एक मीनार सड़क से तीन मीटर आगे है.रामपथ मार्ग अयोध्या के नया घाट से लेकर लखनऊ-अयोध्या हाइवे तक जुड़ता है.
अयोध्या की 'मस्जिद खजूर वाली'
PWD ने नोटिस जारी कर मस्जिद प्रबंधन को कुछ समय दिया है. ताकि वो खुद ही बीम बनाकर मीनार को हटा दें. इससे मस्जिद को भी कोई नुकसान नहीं होगा और रामपथ भी बन जाएगा। लेकिन मस्जिद कमेटी ऐसा करने के लिए राजी नहीं है. उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में डिमोलिशन नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की है. इसकी पहली सुनवाई 3 मार्च को हुई. तब कोर्ट ने शिया वक्फ़ बोर्ड, अयोध्या के कलेक्टर और PWD से जवाब मांगा था. कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 21 अप्रैल तय की. लेकिन इस मामले में अभी तक सुनवाई नहीं हुई है.
मस्जिद पक्ष का कहना है कि यह ऐतिहासिक मस्जिद है, शिया समुदाय के लिए अहम है. हम चाहते हैं कि कोर्ट PWD को मस्जिद की मीनार गिराने से रोके।
कहा जाता है कि मस्जिद खजूर वाली का निर्माण 1750 में नबाव मेहदी हसन खान ने करवाया था. इसके केयरटेकर का कहना है कि प्रशासन हमें मीनार हटाने के लिए कह रहा है जबकि यह शिया वक्फ बोर्ड में रजिस्टर्ड है. मस्जिद से सटी कुछ दुकानों को तोडा गया है और उसका मुआवजा भी हमें मिला है, मगर ये मस्जिद बहुत पुरानी है विकास के लिए अब इसकी मीनार तो नहीं तोड़नी चाहिए.