एनकाउंटर के बाद विकास के साले एवं भांजे को यूपी एसटीएफ ने रिहा किया, सकुशल शहडोल छोड़ा
लखनऊ/शहडोल. पहले यूपी एसटीएफ ने विकास की पत्नी एवं बेटे को रिहा किया, इसके बाद उसके साले और भांजे को भिहा कर दिया. साले एवं भांजे को यूपी एस;
लखनऊ/शहडोल. 10 जुलाई की सुबह 7 बजे कुख्यात अपराधी एवं उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड क्रिमिनल विकास दुबे पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया. पहले यूपी एसटीएफ ने उसकी पत्नी एवं बेटे को रिहा किया, इसके बाद उसके साले और भांजे को भी रिहा कर दिया. साले एवं भांजे को यूपी एसटीएफ ने शहडोल के बुढ़ार से उठाया था, अब उन्हें वापस शहडोल छोड़ने आई है.
बता दें कुछ दिनों पहले ही विकास दुबे के साले ज्ञानेंद्र निगम उर्फ राजू खुल्लर और उसके बेटे आदर्श निगम को यूपी एसटीएफ शहडोल के बुढ़ार से पूंछताछ के लिए उठा कर ले गई थी. विकास की मौत के बाद ज्ञानेंद्र की पत्नी ने अपने पति एवं बेटे को रिहा करने के लिए मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश सरकार से गुहार लगाईं थी.
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जो किया उसकी सजा मिली विकास को
विकास के साले ज्ञानेंद्र का कहना है कि विकास ने कौनसा अच्छा काम किया है, जो उसके साथ अच्छा होता. उसने जो किया उसकी सजा मिली है. उसने निर्दोष पुलिस वालों की ह्त्या की है, जिसका परिणाम उसे खुद भुगतना पड़ा है. हमें यूपी एसटीएफ से कोई शिकायत नहीं, उन्होंने हमें वहां अच्छे से रखा था, पुलिस से कोई परेशानी नहीं.
मैंने भी पूंछताछ में पुलिस को बता दिया था की मेरे और मेरे परिवार के विकास से कोई सम्बन्ध नहीं है. और न ही कई सालों से कोई बातचीत भी हुई है. आप मेरा मोबाइल देख सकते हैं. जो पुलिस ने पूछा उसका मैंने जबाव दिया, उन्होंने किसी भी तरह की ज्यादती मेरे और मेरे बेटे के साथ नहीं की. इसी कारण उन्होंने मुझे शहडोल आकर छोड़ा.
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एमपी और यूपी पुलिस की तारीफ़
ज्ञानेंद्र उर्फ़ राजू ने एमपी और यूपी पुलिस की तारीफ़ की है. ज्ञानेंद्र ने बताया की शहडोल पुलिस ने भी मुझसे अच्छा व्यवहार किया है, और उत्तरप्रदेश पुलिस ने भी. उत्तरप्रदेश पुलिस अदब से पेश आती थी, खाना खिलाती थी, इसलिए मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई.
मैं और मेरा परिवार पिछले 5 दिनों से इन सब वजहों से मानसिक परेशानी झेल रहा था. अब मैं दूकान खोलूंगा, अपनी रोजी रोटी की ओर ध्यान दूंगा. विकास ने जो किया उसकी सजा उसे मिली है. मुझे पुलिस से कोई शिकायत नहीं है.