धराशायी होने की कगार पर विश्व धरोहर गागरोन जलदुर्ग

Get Latest Hindi News, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, Today News in Hindi, Breaking News, Hindi News - Rewa Riyasat

Update: 2021-02-16 05:58 GMT

झालावाड़: झालावाड़ जिला वैसे तो कई प्राकृतिक संपदाओं को अपने इतिहास में समेटे हुए है. लेकिन अब लगता है कि इसकी ऐतिहासिकता सिर्फ पन्नों में ही सिमटकर रह जाएगी. हम बात कर रहे हैं झालावाड़ की शान का प्रतीक माने जाने वाला गागरोन जलदुर्ग की. जिसे यूनेस्को ने 21 जून 2013 को विश्व धरोहर घोषित किया था. लेकिन विशन धरोहर होने के बावजूद यह जलदुर्ग अपनी बदहाली का रोना रो रहा है. ऐतिहासिक गागरोन जलदुर्ग की दीवार में दरारें आ चुकी है. जिसके कारण किले की दीवारें कभी भी गिर सकती हैं.

विश्व धरोहर गागरोन जलदुर्ग जिसके तीनों ओर नदियां बहती है. आहु और काली सिंध नदी के संगम पर यह प्रसिद्ध जल दुर्ग स्थापित है. हाल ही में मुकुंदरा टाइगर हिल्स क्षेत्र में बाघों को छोड़े जाने के बाद अभ्यारण क्षेत्र में जाने का भी प्रमुख द्वार गागरोन के समीप ही बनाया जाना प्रस्तावित है. प्रशासन के मुताबिक जलदुर्ग में पर्यटकों को बढ़ाने के लिए और किले के संरक्षण के लिए लगातार भरी बजट के साथ प्रयास किए जा रहे हैं.

वहीं दूसरी ओर बेतरतीब तरीके से किले की प्राचीर और दीवारों पर पेड़ और पौधे उग आए हैं. जिसके कारण गागरोन किले के एक हिस्से की दीवार में बढ़ी दरार आ गई है. विशेषज्ञों के मुताबिक इस दीवार की दरार के कारण किले के और हिस्सों को भी क्षति पहुंचने की संभावना है.

जी मीडिया की खबर के बाद जब प्रशासन की टीम दुर्ग गागरोन का निरीक्षण करने गई तो वह खुद वहां के हालात से हैरान थी. जलदुर्ग की प्राचीरों पर इतने पेड़ और पौधे उगाए हैं जिनकी जड़ें गागरोन किले की दीवारों को कमजोर कर रही है. हालत यह है कि किले समीप एक भारी दरार आ चुकी है जो पेड़ पौधों के साथ ही बढ़ती जा रही है. अगर समय पर आवश्यक कदम नहीं उठाया गया तो प्राचीर का यह हिस्सा कभी धाराशायी भी हो सकता है.

उधर झालावाड़ के अतिरिक्त जिला कलेक्टर रामचरण शर्मा ने जी मीडिया को बताया कि गागरोन दुर्ग की दीवार में दरार की जानकारी मिली है. जिसके बाद पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने गागरोन किले का निरीक्षण कर लिया गया है. जल्दी ही उसकी मरम्मत की जाएगी. बता दें कि दुर्ग गागरोन के जीणोद्धार के लिए पहले भी करीब 10 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. ताकि पर्यटकों की संख्या बढ़ाया जा सके. लेकिन अगर किले का यही हाल रहा तो पर्यटक तो दूर कुछ दिनों बाद किला भी नजर नहीं आएगा.

Similar News