खूबसूरत रियासतों और प्राकृतिक विरासतों का है शहर है 'रीवा', पढ़ें ये खबर...

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Update: 2021-02-16 05:55 GMT

रीवा। ब्रिटिश राज के दौरान रीवा में बड़ी रियासत हुआ करती थी और अभी राज्‍य के प्रमुख शहरों में इसका भी नाम है। ये शहर ऐतिहासिक विरासतों के साथ-साथ प्राकृतिक विरासतों के लिए भी काफी प्रसिध्‍द है। मध्‍य प्रदेश के सभी पर्यटन स्‍थलों में रीवा भी एक लोकप्रिय जगह है। ऐतिहासिक धरोहरों के साथ ही आपको नदी झरनो और जंगलो का हरा भरा प्राकृतिक परिदृश्‍य देखने को मिलेगा। आइये जानते है यहां की सबसे शानदार जगहों के बारे में...

गोविंदगढ़ महल गोविंदगढ़ महल भी रीवा की प्रसिध्‍द ऐतिहासिक जगहो में से एक है। ये जहां स्थित है वहा से आप महल और बाकी जंगल झरने और नदी देख सकते है। इस महल का र्निमाण उस समय के तत्‍कालीन राजा ने कराया था। महल के अलावा यहां आप गोविंदगढ़ झील भी देख सकते है जिसके किनारे ही पूरा महल है।

इस महल की वास्‍तकला देखने लायक है और आप यहां इन-हाउस म्‍युजियम भी देख सकते है। कहा जाता है की भारत का पहला सफेद बाघ यहीं के जंगलो में मिला था। यहां का टूरिजम बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल आईलैंड बनाए गए हैं।

रीवा का किला यहां का प्रसिध्‍द किला भी देखा जा सकता है इस किले का नाम शहर के नाम पर रखा गया है। बताया जाता है की इस किले का र्निमाण सलीम शाह ने करवाया था लेकिन इसका काम अधुरा ही छोड़ दिया था बाद में रीवा के महाराजा ने इसे पूरा करवाया था। इस किले को राज्‍य के बेहतरीन किलों में गिना जाता है। यह अपने प्राचीनता और भव्‍यता के कारण काफी जाना माना पर्यटन स्‍थल बन गया है।

रानी तालाब यहां पर घुमने की शुरूआत आप रानी तालाब से कर सकते है दरअसल ये एक कुंआ है जो तालाब के रूप में प्रसिध्‍द है। राज्‍य के सबसे पुराने कुंओं में से एक है। रीवा के प्रसिध्‍द काली मंदिर के पास होने के कारण यह एक पवित्र जलाशय भी माना जाता है। इस मंदिर से काफी लोगों की आस्‍थाएं जुडी हुई है इसलिए यहां श्रृध्‍दालुओं का जमावड़ा लगा ही रहता है। माना जाता है की यहां सभी की इच्‍छाएं पूरी होती हैं। दीवाली और नवरात्रि में भव्‍य मेले और पूजा का आयोजन भी किया जाता है।

पुरवा वॉटरफॉल ऐतिहासिक जगहों की सैर के बाद आप प्रकृति का आनंद ले सकते है। पुरवा जलप्रपात या वॉटरफाल 70 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और राज्‍य के सबसे सुंदर झरनों में गिना जाता है। इसका स्‍त्रोत टोंस नदी है ऊंची चट्टानों से गिरता झरना दूर से ही उत्‍साहित कर देता है। इस झरने का उल्‍लेख रामायण में भी मिलता है। ये एक फैमिली पिकनिक स्‍पॉट भी है।

क्‍योंटी वॉटरफाल आप यहां घुमने का प्‍लान भी कर सकते है ये भारत के सबसे ऊंचे झरनो सूची में 24 वे नंबर पर है। इस का जल स्‍त्रोत तम्‍सा की सहायक महाना नदी इस झरने से 98 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरती है। एसी मान्‍यता है की ये भगवान राम सीता से भी जुड़ा हुआ है इसलिए यहां कई लोग पूजा भी करवाते है। ये पानी सिंचाई और पीने के लिए इस्‍तेमाल होता है।

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