जो पति अपनी पत्नी के साथ करते है ऐसा काम वो अगले जन्म में बनते है चकवा पक्षी
गरुण पुराण एक ऐसा धार्मिक शास्त्र है जिसके संबंध में बताया गया है की भगवान विष्णु के मुखारविंद से निकली हुई बातो को लिखा गया है।
गरुण पुराण एक ऐसा धार्मिक शास्त्र है जिसके संबंध में बताया गया है की भगवान विष्णु के मुखारविंद से निकली हुई बातो को लिखा गया है। भगवान ने यह उपदेश अपने वाहन गरुण देव को दिया था। क्योंकि गरुड़ देव ने भगवान विष्णु से जीवन मृत्यु के संबंध में कई प्रश्न किए। अक्सर मृत्यु के बाद 10 दिनो तक गरूण पुराण की कथा कही जाती है। जिससे लोगों में यह जानकारी हो कि उनका अगला जन्म क्या होगा।
नारायण स्वरूप है गरुण पुराण
इसी गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के बाद मनुष्य अगले जन्म में क्या बनेगा, उसे स्वर्ग मिलेगा या नर्क मिलेगा आदि बातों के बारे में बताया गया है। गरुण पुराण को भगवान विष्णु नारायण स्वरूप माना गया है।
बनते हैं चकवा पक्षी
इस पुस्तक में यह भी बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति भूलबस या फिर जानबूझकर अपनी पत्नी को प्रताड़ित करता है। उसके साथ गलत व्यवहार करता है, उसे यातना देता है अवश्य ही अगले जन्म में उसे भगवान द्वारा नियत किए गए दंड प्राप्त होते हैं। ऐसे पुरुष चकवा पक्षी के रूप में जन्म लेते हैं।
कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति स्वार्थ बस अपनी पत्नी पर झूठा आरोप लगाकर उसे दंडित करता है तो उसका अगला जन्म चकवा पक्षी के रूप में होता है।
क्यों बनते हैं चकवा पक्षी
पत्नी को प्रताड़ित पीड़ित करने वाले पति को मृत्यु के बाद चकवा पक्षी का जन्म मिलता है। कहा गया है चकवा पक्षी की आवाज बहुत कर्कश होती है। पृथ्वी पर जैसे ही उसकी आवाज सुनाई देती है लोग उसे पत्थर मारकर भगाने का प्रयास करते हैं।
रात में रहता है अलग
साथ ही यह भी बताया गया है कि चकवा पक्षी दिनभर मादा पक्षी के संग रहता है लेकिन रात के समय वह अलग हो जाता है। इसलिए पत्नी को पीड़ित करने वाले चकवा पक्षी बनते हैं और यहां वहां भटकते रहते हैं।
कालिदास ने भी कही है बात
महाकवि कालिदास ने भी अपने महाकाव्य मेघदूत में चकवा पक्षी के पूर्व कर्म पर प्रकाश डालते हुए बताया है की पूर्व कर्म की वजह से चकवी से अलग रहना पड़ता है। ऐसे में उन्होंने भी सचेत किया है कि पत्नी से झूठा व्यवहार नहीं करना चाहिए। अन्यथा कष्ट भोगना पड़ेगा।