इस तरह के लोगों से सदैव रहना चाहिए दूर, अन्यथा जीवन में आयेगी परेशानी
आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र में बहुत कुछ बताया गया है। जीवन में तरक्की कैसी मिलती है इस विषय में आचार्य का कहना है कि हमें जीवन में कुछ इस तरह के लोगों से सदैव दूर रहना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र में बहुत कुछ बताया गया है। जीवन में तरक्की कैसी मिलती है इस विषय में आचार्य का कहना है कि हमें जीवन में कुछ इस तरह के लोगों से सदैव दूर रहना चाहिए। इनके सम्पर्क में आने से जीवन में सदैव नुक्शान का सामना करना पड़ता है। किसी भी तरह का हित हे लेकिन इनका साथ नही करना चाहिए। इस तरह के लोगों को आचार्य चाणक्य धरती का बोझ कहते हैं।
इनसे सदैव रहना चाहिए दूर
आचार्य के बताए अनुसार कहा गया है कि जो व्यक्ति ज्ञान अर्जित नही करते, धर्म के कार्य में हिस्सा नही लेते है। जो व्यक्ति दान देने में सदैव पीछे रहे या दान न करें ऐसे लेगों से सदैव दूर रहना चाहिए।
वहीं कहा गया कि अगर जीवन में ऐसे व्यक्तियों से मुलाकात हे जाये जिनका आचरण अच्छा न हो उनसे सदैव दूर रहना चाहिए।
आचार्य कहते हैं कि चुगलखोर और चोर प्रवृत्ति के लेगों को देखकर सज्जन पुरष अपने मार्ग बदल देते है। इसकी संगत कभी नही करनी चाहिए।
चाणक्य का कहना है जो व्यक्ति किसी के काम न आये और केवल लोगों को झूठ बोलकर भ्रम फैलाने का प्रयास करे। उससे सदैव दूर रहना चाहिए। ऐसे लोग समाज में सम्मान नही प्राप्त कर पाते।
इस तरह की होती है परेशानी
कहा गया है कि अगर जीवन में इन लोगों को साथ किया जाता है कि तो जीवन में परेशानी ही परेशानी आ जाती है। इनसे सदैव दूर रहना चाहिए।
आचार्य चाणक्य ऐसे लोगों को पृथ्वी का भार बताया है। साथ ही कहा है कि ऐसे लोगों की संगत करने पर उसका भी आचार-विचार दूषित हे जाता है।
दूर रहने के फायदे
कहा गया है कि अगर धोखे से कोई सज्जन पुरूष इनके संगत में फंस जाता है तो वह भी भ्रष्ठ हो जाता है। कहा गया है कि बुरी संगत वालों के सम्पर्क में आने के बाद उनसे प्रभावित हुए बगैर बहुत कम ही लोग रह पाते हैं। ऐसे में जब बुरे लोगों के संगत में सज्जन व्यक्ति फंसता है तो उसका जीवन भी नर्क के समान हो जाता है।