Navratri 2021: लो आ गई नवरात्रि! जानें कलश स्थापना का उत्तम मुहूर्त और सही विधि
Navratri 2021: 7 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू हो रही है। जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और विधि।
Navratri 2021 : 2 वर्ष के इंतजार के बाद 7 अक्टूबर से नवरात्रि (Navratri) का शुभारंभ हो रहा है। कोरोना काल में बीते दो नवरात्रि पूरी तरह से फीका रहा था। लेकिन इस वर्ष कोरोना के मामले बिल्कुल कम है। ऐसे में नवरात्रि के समय भक्त पूरे हर्षोल्लास के साथ नवरात्रि का पर्व मनाने में जुट गए हैं। जगह-जगह मां के पंडाल लगाने के लिए व्यवस्था बनाई जा रही है। कोरोना के मामले कम होने के बाद भी प्रशासन द्वारा कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। वही आयोजक भी कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए आयोजन की तैयारी कर रहे हैं।
Navratri 2021 Date:
इस वर्ष नवरात्रि पर्व 7 अक्टूबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर को कन्या भोज के साथ घट विसर्जन और नवरात्रि का समापन होगा। अष्टमी के दिन 13 अक्टूबर को दुर्गा पंडालों में विशेष हवन का आयोजन किया जाएगा। इस तरह के अनुष्ठान में हवन का विशेष महत्व होता है। हवन में दी गई आहुतियां देवों तक पहुंचती हैं।
Navratri 2021 कलश स्थापना शुभ मुहूर्त
Navratri 2021 Kalash Sthapana Subh Muhurat: नवरात्रि (Navratri 2021) की शुरुआत 7 अक्टूबर से हो रही है। 7 अक्टूबर को ही विधि विधान के साथ कलश की स्थापना की जाएगी। जानकारी के अनुसार कलस स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6ः17 बजे से लेकर सुबह 7ः07 बजे तक है। इस शुभ अवसर पर कलश स्थापना का विशेष महत्व बताया गया है।
कलश स्थापना की विधि
Navratri 2021 Kalash Sthapana Vidhi: कलश स्थापना के लिए कुछ विशेष सामग्रियों की आवश्यकता होती है। जिसमें चौड़े मुंह वाला मिट्टी का बर्तन, पवित्र स्थान से लाई गई मिट्टी, कलश, गंगाजल, आम की टेरी, सुपाडी, नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र तथा पुष्प प्रमुख है।
ऐसे करें कलश स्थापित (Kalash Sthapana)
वैसे तो कलश स्थापना के लिए किसी पुरोहित को बुलाने की आवश्यकता होती है। जिसके द्वारा विधि विधान से पूजा कर कलश स्थापित करवा दिया जाता है। कई लोग कलश के पास अखंड ज्योति प्रज्वलित करते हैं। लेकिन पुरोहित न उपलब्ध हो तो कलश स्थापना के लिए घर के एक कमरे में साफ सफाई कर उत्तर पूर्व की दिशा में एक चौकी रखें। उसमें साफ लाल रंग का कपड़ा बिछाकर देवी मां की प्रतिमा स्थापित करें। वही गणेश जी की प्रथम पूजा करते हुए कलश स्थापित करें, नारियल को चुनरी से लपेट दें। कलश के मुख पर मौली बांधे। उसमें पानी भरकर सुपारी, हल्दी की गांठ, दूर्वा तथा सिक्के डाल दें। कलश के मुख पर पवित्र आम की टेरी के ऊपर नारियल रखें। बाद में माता दुर्गा की स्थापना कर दीप प्रज्वलित कर दें। माता का ध्यान करते हुए उन्हें अपने घर में 9 दिनों तक स्थापित करने के लिए आवाहित करें। मां को आवाहित करते समय मन को पूर्णरूपेण शांत कर ले। ऐसा करने से माता की भक्ति और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
8 दिनों की होगी नवरात्रि
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 9 दिन के बजाय 8 दिन की होगी। क्योंकि नवरात्रि में पडने वाली 9 तिथियां 8 दिन में ही पूरी हो रही हैं। चतुर्थी और पंचमी तिथि एक ही है। ऐसे में नवरात्रि घटकर 8 दिन की हो जाती है। नवरात्रि में तिथियों का घटना शुभ संकेत नहीं दे रहा है। इसके विपरीत अगर नवरात्रि 9 या फिर 10 दिन की हो तो उसे शुभ माना जाता है। तिथियों का घटना शुभ संकेत नहीं है।