Nag Panchami 2022: आ गई नागपंचमी, विधि-विधान से करें नाग देवता का पूजन, भूलकर न करें ये गलतियां

Nag Panchami 2022: शिवजी के गले पर आभूषण के रूप में विराजमान नाग देवता सभी का कल्याण करते हैं।

Update: 2022-07-29 10:32 GMT

Nag Panchami 2022: नाग पंचमी का त्यौहार नजदीक है। यह बात अलग है कि पहले की तरह अब नाग पंचमी (Nag Panchami) के लिए आम लोगों में वह उत्साह दिखाई नहीं देता। क्योंकि पहले के समय में नाग पंचमी मनाने के लिए महीनों पहले से तैयारी शुरू हो जाती थी। नाग पंचमी के दिन जहां नाग देवता की पूजा होती थी वही गांव कस्बों में मल्लयुद्ध का आयोजन हुआ करता था। जहां हजारों की भीड़ एकत्र होती थी। नामी-गिरामी पहलवानो को बुलाया जाता था। यह सब तो लगभग बंद हो चुका है लेकिन इस उत्साह के कम हो जाने से त्यौहार का महत्व कम नहीं होता। आज भी लोग बड़े ही श्रद्धा भाव से नाग पंचमी का त्यौहार मनाते हैं। 2 अगस्त 2022 को नाग पंचमी का त्यौहार पड़ रहा है।

कब मनाई जाती है नाग पंचमी

Nag Panchami Kab Manayi Jati Hai? जानकारी के अनुसार हिंदी पंचांग में सावन महीने की शुक्ल पक्ष में पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है। इस वर्ष यह नाग पंचमी 2 अगस्त को पड़ रही है। इस दिन नाग देवता की विधि विधान से पूजा करने का विधान शास्त्रों में बताया गया है। शिवभक्त उपवास भी रखते हैं। कहा गया है कि नाग देवता सभी के कष्ट हरते हैं।

क्या है महत्व

Nag Panchami Importance: बताया गया है कि नाग पंचमी का बहुत बड़ा महत्व है। सभी को पता है कि सावन के महीने में शिव जी की पूजा होती है। शिवजी के गले पर आभूषण के रूप में विराजमान नाग देवता सभी का कल्याण करते हैं। नाग पंचमी में नाग की पूजा करने से सुख समृद्धि और खेतों में फसलों की रक्षा होती है। इस दिन कई देश के नाग मंदिरों में नाग देवता का अभिषेक किया जाता है। कई जगह प्रचलन में है कि नाग पंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार के पास सर्प या कहे नाग देवता की सांकेतिक प्रतिमा बनाई जाती है।

रखें कुछ सावधानी

Nagpanchami ke din kounsi Savdhaniyan rakhna chahiye: नाग पंचमी के दिन हमें कुछ सावधानी रखने का भी विधान बताया गया है।

  • जिसमें कहा गया है कि नाग पंचमी के दिन सुई धागे का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • नाग पंचमी के दिन लोहे के बर्तनों में भोजन नहीं बनाना चाहिए।
  • वहीं कहा गया है कि अगर कुंडली में राहु केतु भारी है तो नाग पंचमी के दिन सर्पों की पूजा अवश्य करें।
  • नाग देवता को दूध चढ़ाने के लिए केवल पीतल के लोटे का ही उपयोग करें।
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