Makar Sankranti Ka Mahatva: मकर संक्राति क्यों मनाई जाती है, पतंग क्यों उड़ाई जाती है? मकर संक्राति का वैज्ञानिक कारण भी जानें

मकर संक्राति क्यों मनाई जाती है, मकर संक्राति में पंतग क्यों उड़ाई जाती है, मकर संक्राति का अर्थ क्या होता है, मकर संक्रांति मानाने का वैज्ञानिक कारण? इन सभी प्रश्नों के उत्तर यहीं मिलेगें

Update: 2023-01-13 08:19 GMT

Makar Sankranti Me Patang kyo Udate Hai: मकर संक्राति क्यों मनाई जाती है?  मकर संक्राति में पंतग क्यों उड़ाई जाती है?  मकर संक्राति का अर्थ क्या होता है? मकर संक्रांति मानाने का वैज्ञानिक कारण? मकर संक्रांति का इतिहास क्या है?  इन सभी प्रश्नों के उत्तर यहीं मिलेगें। 

भारत में पतंग उड़ाने का त्यौहार है, जिसे मकर संक्राति कहते हैं. देश के पश्चिमी राज्य यानी गुजरात में यह पर्व बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. जहां लोग पतंगबाज़ी का खेल खेलते हैं. लेकिन मकर संक्राति तिल के लड्डू और पतंगबाज़ी से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है. मकर संक्राति मानना सिर्फ धार्मिक महत्त्व नहीं बल्कि इसका  वैज्ञानिक कारण भी है. 

मकर संक्रांति कब मनाया जाता है 

संक्राति पूरे देश में मनाया जाने वाला पर्व है. जिसे ज्योतिष गणना के आधार पर तय किया जाता है. बहरहाल यह हमेशा नए साल की 14-15 तारीख को पड़ता है. जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है जब खरमास खत्म हो जाता है. खरमास ऐसा समय होता है जब कोई भी पूजा-पाठ, हवन, यज्ञ, शुभकार्य, वैवाहिक कार्य नहीं किए जाते हैं. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से खरमास खत्म होता है और शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं 

मकर संक्राति में पतंग क्यों उड़ाई जाती है 

वैसे तो ठंड के सीजन में हर घर की छत से पतंगबाज़ी शुरू होती है लेकिन मकर संक्राति के दिन पतंग उड़ना भी हमारे कल्चर का हिस्सा है. संक्राति के दिन पतंग उड़ाने के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्त्व हैं. 

सबसे पहले किसने उड़ाई थी पतंग 

पतंग का अविष्कार किसने किया? यह प्रश्न विवादस्पद है क्योंकि लोग Peter Lynn को पतंग का अविष्कारक मानते हैं. लेकिन हिन्दू ग्रंथों के अनुसार भगवान श्री राम ने अपने बचपन में पतंग उड़ाई थी जो इंद्रलोक में चली गई थी, तभी से पतंग उड़ाने की परंपरा शुरू हुई थी. 

मकर संक्राति में पतंग उड़ाने का वैज्ञानिक कारण: पतंग उड़ाना एक एक्ससरसाइज एक्टिविटी मानी जाती है. इसमें हमारे शरीर की ऊर्जा खर्च होती है. दोपहर में पंतग उड़ाने से हमारे शरीर को विटामिन डी मिलता है (खैर यह बिना पतंग उड़ाए सिर्फ धुप में बैठने से भी मिलता है) कहा जाता है कि कर संक्रांति पर सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं. इस समय सूर्य की किरणें औषधि का काम करती हैं. इसलिए इस पर्व पर पतंग उड़ाने को शुभ माना जाता है

मकर संक्राति की कहानी 

महाभारत और पुराणों के अनुसार ऋषि विश्वामित्र को मकर संक्राति की शुरुआत करने का श्रेय दिया जाता है. महाभारत में पांडवों के मकर संक्राति मानाने का उल्लेख है. 

मकर संक्राति का अर्थ: हिंदू सभ्यता में संक्राति एक देवी हैं. जिनकी पूजा होती है. संक्राति देवी ने शंकरसुर का वध किया था, जिसके अलगे दिन मकर संक्राति मनाया जाता रहा है. 


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