Mahashivratri 2022: जब भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी में हुई लड़ाई, तो गुस्से में आकर शिवजी ने काट दिया था ब्रह्मा जी का गला, जानिए!

Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि 1 मार्च 2022 को मनाई जा रही है. शिवजी ने भगवान ब्रम्हा जी का गला क्यों काटा था आज हम आपको विस्तार में बताएँगे.

Update: 2022-02-23 12:11 GMT

Mahashivratri 2012: शास्त्रों में भगवान विष्णु, ब्रह्मा और शिवजी को त्रिदेव कहा गया है। भगवान भोलेनाथ औघड़ दानी कहे गये हैं। वह बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन एक बार उन्हे ऐसा गुस्सा आया कि उन्होने ब्रह्मा जी का गला काट दिया था।

आइये जाने रोचक कथा

कहा जाता है कि एक बार भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी में वर्चस्व को लेकर विवाद हो रहा था। दोनो अपने को प्रमुख और प्रधान देवता बता रहे थे। दोनो के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि वह इस विवाद का हल निकालने भगवान भोलेनाथ के पास पहुंचे।

विष्णु जी और ब्रह्मा जी भोलेनाथ के पास पहुंचकर कहा अपनी बात बताई। साथ ही कहा कि आप बताएं कि हम दोनों में सबसे श्रेष्ठ देवता कौन है।

इस पर कुछ विचार करते हुए भोलेनाथ एक शिवलिंग देकर दोनो देव विष्णु और ब्रह्मा जी से कहा कि आप पता लगाएं कि इसका आदि और अंत क्या है। जो भी इसका पता लगा पायेगा वही सर्वश्रेष्ठ देव कहलाएगा।

भगवान भोलेनाथ की इस बात पर दोनो देव पता लागने के लिए गये। लेकिन किसी को पता नही चल पाय। भगवान विष्णु जी वापस चल दिये। लेकिन ब्रह्मा जी जब पता लागने में अस्मर्थ हुए तो वह केतकी के फूल को अपनी ओर करते हुए कहा कि तुम मेरी हां में हां मिलाना।

जब बह्मा जी शिव जी के पास पहुंचे तो उन्होने कहा कि वह आदि अनंत का पता लगा आये हैं। केतकी उसका गवाह है। लेकिन त्रिकालदर्शी होने से शिवजी को इनके झूठ का पता चल गया। गुस्से में आकर भोलेनाथ शिव जी ने ब्रह्मा जी का गला काट दिया था (Lord Shiva Cut The Head Of Brahma) और केतकी के फूल को अपनी पूजा से वंचित कर दिया। यही है पूरी कहानी।

नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।

Tags:    

Similar News