अगर सुखी और संपन्न इंसान बनना है तो छोड़ दें यह 4 बुरी आदतें, अन्यथा कंगाली नहीं छोड़ेगी पीछा
धर्मग्रंथों और साहित्यो में बताई गई बातें झूठी नहीं हो सकते। यह पुस्तकें सदैव ही मानव कल्याण के लिए उपयोगी बताई गई हैं।
धर्मग्रंथों और साहित्यो में बताई गई बातें झूठी नहीं हो सकते। यह पुस्तकें सदैव ही मानव कल्याण के लिए उपयोगी बताई गई हैं। धार्मिक पुस्तकों में लिखी हुई बातें पूर्णरूपेण जीवन को सुखी और संपन्न बनाने के लिए बहुत भी महत्वपूर्ण है। धार्मिक ग्रंथ हमारे पथ प्रदर्शक हैं। इसमें बताया गया है कि व्यक्ति के कुछ कार्य उन्हें कंगाल बना सकते हैं। इसलिए कार्यों से सदैव दूर रहना चाहिए। आइए जाने वह कौन से कार्य हैं।
सूर्योदय के बाद उठना
हमारे शास्त्रों में सूर्योदय के बाद उठने को बहुत ही अनिष्ट कारक बताया गया है। कहा गया है कि जो व्यक्ति सूर्योदय के बाद उठता है उस पर माता लक्ष्मी की कृपा नहीं होती। ऐसे व्यक्ति जीवन भर कंगाल रहते हैं।
वही कहा गया है कि जो व्यक्ति संध्या के समय शाम को सोता है वह दरिद्र और रोगी हो जाता है। जीवन भर उसे पैसों की कमी का सामना करना पड़ता है।
इसीलिए हमारे धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि व्यक्ति को सदैव सूर्योदय के पूर्व हो सके तो ब्रह्म मुहूर्त में अवश्य जग जाना चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त में जगने से व्यक्ति का मन तरोताजा रहता है और ईश्वर की कृपा उस पर बनी रहती है।
साफ सफाई अवश्य रखें
शास्त्रों में बताया गया है कि माता लक्ष्मी को स्वच्छता सबसे अधिक प्रिय है जो व्यक्ति अपने घर में साफ सफाई नहीं रखते उनके घर से माता लक्ष्मी नाराज होकर चली जाती हैं।
हाथ में न दें नमक
कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को नमक दिया जाए तो किसी बर्तन में रख कर देना चाहिए। हाथ में नमक नहीं देना चाहिए। इसे अशुभ बताया गया है। माना जाता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज होती हैं। घर में कलह बढ़ जाता है।
न छोड़े थाली में भोजन
शास्त्रों में कहा गया है कि अन्न का संबंध माता अन्नपूर्णा महालक्ष्मी से होता है। जो व्यक्ति भोजन आधा-अधूरी खाकर थाली में छोड़ देते है माता लक्ष्मी उस पर नाराज हो जाती हैं। एक न एक दिन ऐसा व्यक्ति दरिद्र हो जाता है। इसलिए भोजन थाली में उतना ही लेना चाहिए जितना ग्रहण किया जा सकता है।
नोट- इस समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। इस पर पूर्ण भरोसा करने के पहले विशेषज्ञ से जानकारी प्राप्त करें। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता।