Hartalika Teej 2022: आज है हरतालिका तीज, इस तरह रखें व्रत, मिलेगा माता पार्वती और शिव जी का आशीर्वाद

Hartalika Teej 2022: हरतालिका तीज की पूजन विधि (Hartalika Teej Pujan Vidhi) बहुत ही सरल है लेकिन इसके लिए अपने कुछ नियम है, जिसे जानना बहुत आवश्यक है।

Update: 2022-08-30 06:37 GMT

Hartalika Teej 2022 Date, Shubh Muhurat And Puja Vidhi In Hindi: वर्ष भर में पड़ने वाले तीज त्यौहारों में सबसे कठिन व्रत हरतालिका तीज (Hartalika Teej Vrat) का होता है। क्योंकि इस दिन महिलाएं अपने सुहाग को बनाए रखने के लिए 24 घंटे का निर्जला व्रत रखती है। मंगलवार 30 अगस्त को हरतालिका व्रत रखा जाएगा। महिलाएं इस दिन कठिन तपस्या कर भगवान शिव और माता पार्वती का शुभ आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। यह व्रत अविवाहित कन्याएं तथा विवाहित स्त्रियां दोनों ही रखती हैं। हरतालिका तीज की पूजन विधि बहुत ही सरल है लेकिन इसके लिए अपने कुछ नियम है। जिसे जानना बहुत आवश्यक है। आइए जानें हरतालिका व्रत (Hartalika Teej) रखने वाली महिलाएं किस तरह से पूजन करें।

पूजन विधि

Hartalika Teej Puja Vidhi: जिन महिलाओं या कुंवारी कन्याओं को हरतालिका व्रत (Hartalika Vrat) करना है वह भोर के समय उठकर स्नान करें। इसके पश्चात मंदिर या फिर घर में भगवान की पूजा करें। निर्जला व्रत (Nirjala Vrat) होता है इसलिए व्रत करने का संकल्प करते हुए भगवान का पूजन करें।

फुलेरा सजाकर करें पूजा

Hartalika Teej Me Puja Ke Niyam: हरतालिका व्रत का पूजन संध्या के समय शुरू किया जाता है। इस दिन भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा फुलेरा सजाकर किया जाता है। फुलेरा से जाने के लिए एक लकड़ी की पवित्र चौकी में पवित्र वस्त्र बिछा दें। उसे केले के पत्ते से झांकी के रूप में सजाएं। साथ ही झांकी को फूलों से सजाया जाता है। साथ ही सुगंधित फूलों का झूमर जैसे तैयार किया जाता है इसे ही फुलहरा कहते हैं। इस फुलेरा के नीचे शिवलिंग की स्थापना करें। रात्रि जागरण के समय इस फुलेरा (Fulera) में एक डोरी बांधकर व्रत करने वाली महिलाएं उसे हिलाती रहती हैं।

संध्या के समय की पूजन विधि

Hartaliika Teej Sandhya Pujan Vidhi: संध्या के समय की जाने वाली इस पूजा की तैयारी करते हुए महिलाएं काली मिट्टी या फिर बालू से शिवलिंग, माता पार्वती जी की प्रतिमा, भगवान गणेश की प्रतिमा तथा नंदी महाराज की मूर्ति बनाकर विराजमान करें।

मूर्ति स्थापना के पश्चात देवताओं का आवाहन करें। विधि विधान से सभी देवों की पूजा करें। अगर पूजा में समस्या हो रही है तो अपने पुरोहित को आमंत्रित कर लें। पुरोहित के बताए अनुसार विधान से पूजन कार्य संपन्न करें।

इन चीजों को अर्पित करें

Hartalika Teej Prasad: पूजन के समय भगवान शिव और माता पार्वती को सुहाग की वस्तुएं अवश्य चढ़ाएं। फल में खीरा का उपयोग अवश्य करना चाहिए। साथ ही केला, सेब, नारियल तथा अन्य मौसमी फल अर्पित करें। इस सभी चीजों को बांस के बने प्लेट स्वरूप छिटवा में रखकर भगवान के समक्ष रखें। भगवान शिव को धोती और गमछा चढ़ाना चाहिए। बाद में यह सभी वस्तुएं किसी ब्राह्मण है ब्राह्मणी को दान कर दें।

सुने हरतालिका तीज की कथा

Hartalika Teej Vrat Katha: हरतालिका तीज की कथा पूजन के उपरांत अवश्य सुने। अगर कोई सुनाने वाला नहीं है तो स्वयं ही महिलाएं आपस में बैठकर इस कथा का वाचन कर ले। कथा वाचन करने सुनने से व्रती महिलाओं के मन में भगवान के प्रति अगाध प्रेम उत्पन्न होता है। जिससे उन्हें भगवान का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है। क्योंकि पूजन के लिए कहा गया है कि हम जितनी ही श्रद्धा के साथ करेंगे उसका उतना ही फल प्राप्त होगा। इसलिए पूरे मनोभाव से भगवान का भजन और कथा श्रवण करें।

रात्रि जागरण

Hartalika Teej Jagran: इस व्रत को करने वाली महिलाओं के लिए कई नियम और विधान भी बताए गए हैं। जिसमें बताया गया है कि रात भर महिलाओं को सोना नहीं चाहिए। किसी आसन में नहीं बैठना चाहिए। बिस्तर आदि का उपयोग तो बिल्कुल नहीं करना चाहिए। अन्यथा इसकी गलत परिणाम प्राप्त होते हैं। जमीन पर बैठकर रात भर भगवान के फुलेरे को डोरी से हिलाते रहे और भगवान का भजन करें। इस तरह से व्रत करने वाली महिलाओं को अवश्य ही माता पार्वती और शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

रात्रि जागरण के पश्चात जैसे ही भोर का समय हो ब्रह्मा बेला में पुनः स्नान कर भगवान शिव को की पूजा कर मूर्तियों को विसर्जित कर दें। भगवान की मूर्ति का विसर्जन बहते हुए जल में नदी में करें। अगर ऐसी व्यवस्था नहीं है तो किसी पवित्रा स्थान पर गड्ढा करके डाल दे। जहां पर किसी का पैर आदि न पड़े। इसके पश्चात ककड़ी हलवे का भोग लगाकर दूसरे दिन व्रत खोलें।

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