Hariyali Teej Vrat katha: हरियाली तीज का व्रत रखें महिलाएं, पूर्ण होगी सभी मनोकामनाएं, जानें क्या है हरियाली तीज कथा
Hariyali Teej Vrat katha: हरियाली तीज की कथा बहुत ही रोचक है, जो की भगवान शिव ने स्वयं माता पार्वती को सुनाई थी।;
Hariyali Teej 2022 Vrat Katha: सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष हरियाली तीज 31 जुलाई दिन रविवार को है। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और श्री गणेश की पूजा करती हैं। कहा जाता है कि जो भी महिला इस हरियाली तीज का व्रत (Hariyali Teej Vrat) करती हैं मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पति की लंबी उम्र होकर अटल सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। हरियाली तीज की कथा बहुत ही रोचक है। क्योंकि हरियाली तीज की कथा भगवान शिव ने माता पार्वती को स्वयं सुनाया था। साथ ही कहा जाता है कि इसी दिन भगवान भोलेनाथ माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद स्वरूप स्वीकार किया था।
क्या है हरियाली तीज की कथा
Hariyali Teej Vrat katha: कहते हैं माता पार्वती अपने पूर्व जन्म के बारे में याद कर रही थी। लेकिन काफी प्रयास के बाद ही उन्हें कुछ याद नहीं आ रहा था। ऐसे में भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती को उनके पूर्वजन्म के बारे में बताया। भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती से कहा कि आपने मुझे प्राप्त करने के लिए 107 बार जन्म लिया है। लेकिन पति के रूप में आपको नहीं पा सकी। 108वें जन्म में आपका जन्म पर्वतराज हिमालय के घर में हुआ और फिर आपने घोर तपस्या कर मुझे वर के रूप में प्राप्त कर लिया था।
भगवान विष्णु हुए प्रसन्न, नारद पहुंचे
भगवान भोलेनाथ ने बताया कि आप की घोर तपस्या को देख कर आपके पिता चिंतित थे। क्योंकि आपने अन्न जल त्याग कर सर्दी गर्मी बरसात सभी मौसम में अनेक कष्ट सहते हुए अपने व्रत में लीन थी। इसी बीच नारद मुनि आपके घर पहुंचे और उन्होंने हिमालय राज से कहा कि भगवान विष्णु आपकी पुत्री की तपस्या से प्रसन्न है वह विवाह करना चाहते हैं। इतना सुनने के बाद आपके पिता भी प्रसन्न हुए और उन्होंने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
माता पार्वती हो गईं दुखी
नारदमुनी के आने और भगवान विष्णु से विवाह के संबंध में जानकारी होने के बाद माता पार्वती बहुत दुखी हुई। उन्होंने सारी बात अपनी सखी को बताईं। जिसके बाद उनकी सखी ने उन्हें घने जंगल में ले जाकर छिपा दिया। इसके पश्चात पार्वती जी के पिता हिमालय राज को पता चला कि पार्वती जी गायब हो गई हैं तो उनको खोजने के लिए धरती पाताल एक कर दिया। लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। क्योंकि पार्वती जी जंगल की एक गुफा में रेत से शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा में लीन थी।
भगवान भोलेनाथ हुए प्रसन्न
भगवान भोलेनाथ स्वयं माता पार्वती से कहते हैं कि तुम्हारी कठोर तपस्या पूजा से मैं प्रसन्न हो गया और तुम्हें आशीर्वाद दीया। आशीर्वाद स्वरुप भोलेनाथ ने पार्वती जी को कहा कि तुम्हारी मनोकामना अवश्य पूरी होगी।
इसी बीच पार्वती जी को ढूंढते हुए उनके पिता हिमालय राज भी गुफा में पहुंच गए। जहां उन्होंने पुत्री को पाकर प्रसन्नता व्यक्त की। उस समय पार्वती जी ने अपने पिता को बताया कि उन्होंने शिवजी को पति के रूप में स्वीकार कर लिया है और शिव जी ने भी मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद दे दिया है। ऐसे में मैं आपके साथ इस शर्त पर चल सकती हूं कि आप मेरा विवाह भोलेनाथ से करवाएंगे। हिमालय राज भी तैयार हो गए और विधि विधान से माता पार्वती और शिव जी का विवाह संपन्न हुआ। इस विवाह में माता पार्वती का कठोर तप शामिल है।
महिलाएं अवश्य करें हरियाली तीज का व्रत
तभी से कहा गया है कि अगर हरियाली तीज के दिन जो भी स्त्री माता पार्वती, भगवान भोलेनाथ और गणेश जी की पूजा करेंगे उन्हें मनोवांछित फल प्राप्त होगा। भगवान भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न होने वालों में से एक देवता है। मन लगाकर विधि विधान से इनकी पूजा करने पर अवश्य ही आशीर्वाद प्राप्त होता है।
भविष्य पुराण में देवी पार्वती स्वयं कहती हैं कि हरियाली तीज का व्रत करने से महिलाओं को सुहाग और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सावन महीने के तृतीया तिथि के दिन कई वर्षों की, कई जन्मों की तपस्या के बाद देवी पार्वती जी को भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त हुए थे। इसलिए हरियाली तीज का व्रत पूजन बहुत महत्वपूर्ण है। इसे हर महिला को विधिपूर्वक, श्रद्धा पूर्वक अवश्य मनाना चाहिए।