Hanuman Janmostsav 2023: हनुमान जयंती कल, मध्यप्रदेश में इन जगहों पर विराजमान हैं विशालकाय बजरंग बली, दर्शन मात्र से दूर होते हैं कष्ट

Hanuman Janmostsav 2023: देश सहित प्रदेश भर में हनुमान जयंती कल यानी 6 अप्रैल गुरुवार को धूमधाम के साथ मनाई जाएगी। विभिन्न हनुमान मंदिरों में बजरंग बली के जन्मोत्सव पर भक्तों का सैलाब उमड़ेगा।

Update: 2023-04-05 10:33 GMT

Hanuman Janmostsav 2023: देश सहित प्रदेश भर में हनुमान जयंती कल यानी 6 अप्रैल गुरुवार को धूमधाम के साथ मनाई जाएगी। विभिन्न हनुमान मंदिरों में बजरंग बली के जन्मोत्सव पर भक्तों का सैलाब उमड़ेगा। उनके पूजन अर्चन व दर्शन मात्र से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमाएं मध्यप्रदेश में विराजमान हैं। जहां पर हमेशा भक्तों का सैलाब देखने को मिलता है। तो आइए जानते हैं कि एमपी में ऐसी कौन सी जगह हैं जहां पर संकट मोचन हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमाएं स्थापित हैं।

जबलपुर में 108 फीट ऊंचे हनुमानजी

मध्यप्रदेश के जबलपुर में 108 फीट ऊंची हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित है। मंडला रोड पर चैतन्य सिटी में राम भक्त हनुमान की बैठी हुई अवस्था में यह प्रतिमा है। इस प्रतिमा को चार वर्ष में तैयार किया गया। 80 मूर्तिकारों द्वारा तैयार की गई इस प्रतिमा को बनाने में कुल खर्च 2 करोड़ रुपए आया। अपने कष्ट दूर करने व विभिन्न बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए यहां हमेशा लोगों का दूर-दूर से आना जाना लगा रहता है।

सिमरिया में 101 फीट ऊंचे बजरंग बली

एमपी के सिमरिया में बजरंग बली की 101 फीट ऊंची प्रतिमा है। छिंदवाड़ा से 15 किलोमीटर दूर सिमरिया में सिद्धेश्वर हनुमान जी की खड़ी हुई अवस्था में यह प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा को राजस्थान से आए कलाकारों ने बनाया। प्रतिमा के ठीक समीप 111 फीट ऊंचा ध्वज स्तंभ भी है। भगवान बजरंग बली के साथ ही यहां पर राम दरबार, भगवान गणेश, शिव-पार्वती, लक्ष्मी-नारायण और दुर्गा मां की प्रतिमा भी स्थापित हैं। यहां पर स्थापित बजरंग बली की प्रतिमा को बनाने में डेढ़ वर्ष का समय लगा।

इंदौर में 66 फीट ऊंचे पितरेश्वर हनुमान

मध्यप्रदेश के इंदौर की बात की जाए तो यहां पर 66 फीट ऊंची संकट मोचन बजरंग बली की प्रतिमा है। यह प्रतिमा पितृ पर्वत पर स्थापित होने के कारण इसके पितरेश्वर हनुमानजी के नाम से जानते हैं। इस प्रतिमा का वनज 108 टन के करीब है। मूर्ति के साथ 9 टन की 45 फीट लंबी गदा, रामकथा और प्रतिमा के ऊपर 3 टन की एक छतरी भी स्थापित है। इस प्रतिमा का निर्माण कार्य दो वर्ष में पूर्ण किया गया। ग्वालियर के 125 कलाकारों ने 264 हिस्सों में इसे बनाया। इंदौर-हातोद रोड पर पितृ पर्वत पर हनुमानजी की राम नाम भजते यह प्रतिमा है। जिसके दर्शन व पूजा अर्चना के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां प्रतिदिन पहुंचते हैं।

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