सावन में चरित्रहीन स्त्री करती हैं कुछ ऐसे इशारे, अगर फंसे उनके जाल में तो हो जाएगा अनर्थ?

सावन (Sawan 2023) शुरू हो चुका है. सोमवार सावन का पहला सोमवार होने जा रहा है.

Update: 2023-07-08 17:44 GMT

Sawan Maas Me Na Karen Ye Kaam

सावन में चरित्रहीन स्त्री करती हैं कुछ ऐसे ईशारे: सावन (Sawan 2023) शुरू हो चुका है. सोमवार सावन का पहला सोमवार होने जा रहा है. सावन के मौके पर भारत के एक प्रसिद्ध विद्वान आचार्य चाणक्य ने जीवन के मर्मो को समझते हुए लोगों के जीवन को सुरक्षित करने के लिए एक पुस्तक लिखी है। चाणक्य नीति के नाम से प्रसिद्ध इस पुस्तक में सब कुछ लिखा गया है। उन्होंने इसी पुस्तक में आचार्य चाणक्य ने सावन के समय चरित्रहीन औरतों के संबंध में कुछ बातें कहीं हैं। आइए उन बातों को हम भी जाने, परखें और फिर लोगों की पहचान करते हुए उन्हीं के अनुसार उनसे संपर्क रखें।

सावन के दिनों में इन महिलाओ से रहे सावधान  Sawan Maas Me Na Karen Ye Kaam

चाणक्य के बताए अनुसार महिलाओं के कुछ विशेष पहचान के लिए जरूरी जानकारी यहां दी जा रही है। यह एक आश्यक जानकारी हैं इस पर सभी को विषेष ध्यान देना चाहिए। खासतौर पर उन लोगा को ध्यान तो देना ही चाहिए जिनकी अभी शादी नही हुई है। अगर शादी होने वाली है जो जानना और भी अधिक जरूरी है।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि छोटी गर्दन वाली महिलाएं कुछ विशेष जानकारी देती हैं। कहा गया है कि जिन महिलाओं के गर्दन छोटी होती है वह स्वयं फैसला लेने के बजाय दूसरों पर निर्भर रहती हैं।

चपटी गर्दन वाली महिलाओं के लिए बताया गया है कि वह स्वभाव से उस चालाक और क्रूर होते हैं। स्वभाव से चालाक और मन से कठोर बताया गया है। कहा गया है कि अगर छुट्टी गर्दन वाली महिलाओं के गाल में पिंपल होते हैं तो वह चरित्र से भी अच्छी नहीं मानी गई हैं।

पीले और डरावनी आंख वाली महिलाओं के संबंध में कहा गया है कि यह स्वभाव से खराब होती हैं ऐसी महिलाएं स्वयं भ्रमित रहती हैं तथा दूसरों को भी भ्रमित करती हैं। इनके निर्णय पर विश्वास नहीं किया जा सकता।

नीति में कहा गया है जिन महिलाओं के कानों पर बहुत बाल होते हैं उनका आकार असमान होता है। वह घर में कलह का कारण बनती है। इन महिलाओं के संतान नष्ट हो जाती है और परिवार में सामंजस्य की स्थिति बनी ही रहती है।

चाणक्य कहते हैं की जिन महिलाओं के दांत बाहर निकले हुए होते हैं उनका जीवन दुखो मैं भी पता है। ऐसी महिलाएं अस्थिर और अयोग्य बताई गई हैं। इनके जीवन में स्थायित्व नहीं प्राप्त होता।

साथ ही आपको यह बताया जा रहा है कि चाणक्य नीति में चरित्रहीन महिलाओं के बारे में जो बातें बताई गई हैं वह एक अनुमान है यह पूरी तरह से सत्य नहीं है। किसी के चेहरे नाक कान बार और शारीरिक बनावट को देखकर कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता। व्यक्ति की असली पहचान उनके गुणों से होती है।

एक स्वस्थ समाज के लिए महिलाओं का पुरुषों के बराबर अधिकार और हिस्सेदारी है। बिना महिलाओं के समाज और परिवार की कल्पना करना बेमानी है। महिलाएं पुरुष की प्रेरणादायक होती हैं उनकी तरक्की में अपना विशेष योगदान देती हैं। इसलिए समाज में कभी भी महिलाओं को गलत एस्टबॉर्न से नहीं देखना चाहिए। इसीलिए नारी को शक्ति भी कहा गया है।

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