Chanakya Niti: यहाँ खर्च करने पर मिलता है चौगुना पैसा, जानिए!
Chanakya Niti में अनेक तरह के उदाहरण दिए गए है. जो हमारे जीवन में बेहद उपयोगी है.
Chanakya Niti, Acharya Chanakya, lack of money, bitter talkers, lazy, overeating, Chanakya Niti for money, ways to become rich: आचार्य चाणक्य की नीतियां सदैव इंसान का मार्गदर्शन करेंगी। चाणक्य ने धन के सम्बंध में कहा है कि इसे विपत्ति काल के लिए बचाना चाहिए तो वहीं यह भी कहा है कि धन को ज्यादा बचाना नहीं चाहिए। अन्यथा इसके दुखद परिणाम व्यक्ति को भोगने पड़ते हैं। वहीं आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में बताया है कि कहां धन खर्च करने से चौगुना होकर बढ़ता है।
कहां करें खर्च
आचार्य कहते हैं कि हमें धन तीन जगह अवश्य खर्च करने चाहिए। इसके धन बढ़ता है। वह भी तेजी के साथ तथा धन खर्च करने वाले की कीर्ति भी बढ़ती है। वह तीन जगह है सामाजिक कार्य, धर्म के कार्य तथा दीनहीन गरीब की मदद करने में। कहा गया है कि अगर इन तीन जगहों मे ंधन खर्च किया जाता है तो वह घटने के बजाय तेजी के साथ बढ़ता है।
गरीबों की मदद
कहा गया है कि परीश्रम से कमाया हुआ धन अगर गरीबों की मदद में खर्च किया जाता है तो वह धन खर्च करने वाले के पास कभी भी पैसों की कमी नहीं होती। आचार्य चाणक्य का कहना है कि अगर यही धन केवल बचत किया जाय तो आने वाले पीढ़ी इसका अनाप-सनाप कार्यों में खर्च कर अपका नाम खराब करेगी।
धर्म से जुडे़ कार्यों में
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमें अपनी कमाई का कुछ हिस्सा अवश्य ही धर्म के कार्य में खर्च करना चाहिए। धर्म में खर्च किया गया धन पुण्य देता है। जिससे धन खर्च करने वाले का लोक परलोक दोनो ही संवर जाता है। वहीं अगर कमाई का कुछ हिस्सा धर्म में खर्च नहीं किया गया केवल बचत किया गया तो इससे दम्भ पैदा होता है जो विनाश का कारण बनता है।
सामजिक कार्य में
सामाजिक कार्य में कमाई का कुछ हिस्सा खर्च करने पर समाज का भला होता है। इससे समाज में एक एक अच्छी प्रथा विकसित होती है। सामजिक कार्य में धन खर्च करने वाले की ख्याति समाज में बढ़ती है। इस खर्च का लाभ यह होता है कि कई पीढ़ियों तक लोग उनके इस कार्य को नही भुलाते। लेकिन यह कार्य निःस्वार्थ भाव से किया जाना चाहिए।